आदमी...

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ज़िंदगी में एक हंसता हुआ,
गुनगुनाता हुआ,
सहजता से, सबके
मन की करता हुआ
आदमी!
अंदर से पूरी तरह अस्त व्यस्त
दुनिया के सार्थक विचारों को
मुंह खोलकर,
डबडबाई आंखों से
सुनने और समझने
की नाकाम कोशिश
कर रहा है शायद...✍

Jaswinder chahal
8/10/2024

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