और भी बहुत हैं...

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अपनी आदतों से निकल कर देख ज़रा
खुशी के रास्ते और भी बहुत हैं,
कब तक रहें दुनिया से परेशान
ज़िन्दगी में मसले और भी बहुत हैं
टूटना बिखरना आम हुआ अब
मुस्कुराने की कोशिशें ज़ारी रख
ज़रूरी तो नहीं कि सबको इश्क़ हो जीवन से
इस ज़िन्दगी में सिलसिले दर्द के और भी बहुत हैं...✍

Jaswinder chahal
30/7/2024

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