ज़िंदगी...

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बहुत सारे दुख दर्द में उलझी
हुई हमारी ज़िंदगी
कूछ पल के भी सुख के लिए
कभी कभी तरस सी जाती है
कितनी उम्मीदों और खुईशो में जूझती
यह ज़िंदगी
किसी पल अचानक ही सब को अलविदा
कह अचभित् कर देती है
फिर भी बेइंतिहा दर्द में भी मुस्कराती
है यह ज़िंदगी...✍

Jaswinder chahal
19/7/2024

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