मेरे लिए...

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आज तबस्सुम की बरसती बूंदों में
ना जाने कौन सा रंग प्रिय
तूमने इश्क का मिला रखा है
जब भी मै भीगता हूं इसमें
लगता है यह शायद मेरे लिए ही बरसती है।
इस चांद से मासूम चेहरे से
झांकती हुई झील सी नीली आंखों में
ना जाने कौन सी बात
तूमने छुपा रखी है
जब भी उतरने लगता हूं इनमें
बड़ी गहरी सी लगती है।...✍

Jaswinder chahal
11/2/2024

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