सुख गए जो, वो गुलाब थे
गुलाब जो थे सुख ही गए
कब तक खुशबुए
अपनी बिखेरते जहाँ में
कब तक खुशरंग,
बन कर महकते इस फ़िज़ा में
तुम्हारी तरह काँटे तो नही
कि सूख कर
नश्तर बन दंश ही दंश देते रहे
जब मनचाहा शूल की तरह
चुभने का काम करते...✍Jaswinder chahal
30/5/2024
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Navigating Life tapestry : through quotes शब्द
Puisiज़िंदगी की भाग दौड़ में आज किसी के पास वक़त नही है मगर कभी जब हम अकेले होते है और हमें अकेलापन खाने लगता है तब हमारे दिल में अनेको विचारों का जन्म होता है, जो हमें हालात से लड़ने की प्रेरणा देते है और यह विचार हमारे नही हमसब के अंदर बसने वाली उस...
गुलाब...
सुख गए जो, वो गुलाब थे
गुलाब जो थे सुख ही गए
कब तक खुशबुए
अपनी बिखेरते जहाँ में
कब तक खुशरंग,
बन कर महकते इस फ़िज़ा में
तुम्हारी तरह काँटे तो नही
कि सूख कर
नश्तर बन दंश ही दंश देते रहे
जब मनचाहा शूल की तरह
चुभने का काम करते...✍Jaswinder chahal
30/5/2024