Fearful Encounter

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रविवार की दोपहर की धूप आलसी होकर कमरे में फैली हुई थी। कमरे के कोने में रखे सोफे पर जितिन पलट-पलट कर बैठे हुए थे, उनका मन कहीं टिक ही नहीं रहा था। उनके ऊपर पीली, फ्लोरल प्रिंट वाली साड़ी और ब्लाउज था, जिन्हें देखकर लगता था कि किसी ने बारीकी से उन्हें सजाया हो। सामने बैठी थीं उनकी बेस्टी सुनीता, दोनों की हंसी-ठहाकार कमरे में गूंज रही थी।

"वाह जितिन, तुम इतनी खूबसूरती से साड़ी कैसे पहन लेते हो? निधि को कुछ नहीं लगता क्या?" सुनीता ने जितिन की साड़ी की तारीफ करते हुए पूछा।

जितिन ने हंसते हुए कहा, "नहीं यार, उसे पता है मुझे साड़ी पहनना अच्छा लगता है। कभी-कभी तो वो खुद ही मुझे औरतों की तरह तैयार करके मार्केट ले जाती है शॉपिंग करवाने।"

हंसी-मजाक के बीच सुनीता धीरे-धीरे जितिन के करीब आ गईं। उनकी आंखें जितिन की आंखों में गुंथ गईं, और धीमे से उन्होंने कहा, "मुझे टेस्ट नहीं करवाओगे तुम्हारी लिपस्टिक का?"

जितिन चौंके। "अरे नहीं, तुम्हारे साथ में कंफर्टेबल नहीं हो पाऊंगा।" वे शरमा गए, उनकी आवाज में एक हल्की घबराहट थी।

लेकिन सुनीता कहां मानने वाली थीं? जितिन कुछ बोल पाते इससे पहले ही उन्होंने अपने होंठ जितिन के होंठों पर रख दिए। एक पल के लिए कमरा सन्नाटे में डूब गया, मानो हवा तक चलना भूल गई हो।

जितिन के दिल की धड़कन तेज हो गई। उनका मन जैसे हवा में तैरने लगा था। सुनीता की लिपस्टिक का स्वाद उनके होठों पर महसूस हुआ, एक मीठा-सा झनझनाहट उनके शरीर में दौड़ गई। यह किसी सपने जैसा था, जिससे डर लगता था मगर जागना भी नहीं चाहता था।

फिर सुनीता हट गईं। उनकी आंखों में एक शरारती चमक थी। उन्होंने जितिन की तरफ देखकर कहा, "कहा था ना कंफर्टेबल नहीं हो पाओगे? अब बताओ, कैसा लगा मेरा ये लिपस्टिक टेस्ट?"

जितिन अभी भी हक्के-बक्के खामोश बैठे थे। उनके चेहरे पर एक हल्का गुलाबीपन छाया हुआ था। उन्होंने कुछ कहने की कोशिश की, लेकिन शब्द उनके गले में अटक गए। सिर्फ एक मुस्कराहट उनके होठों पर खेल गई, जो बता रही थी कि यह लिपस्टिक टेस्ट उन्हें बिल्कुल बुरा नहीं लगा था।

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