तेरी मेरी बातें
तेरी धड़कानों पे मेरी साँसे दौड़ जाती थी
तेरी साँसों पे मेरी उंगलियाँ,
खिलखिलाती थी.
तेरी आशिक़ी पे मेरी बाहें फैल जाती थी
तेरी बाहों पे मेरे होठ,
सिसक जाते थे
तेरी बातों पे मेरी रातें गौर करती थी
तेरी रातों को मेरा जुनून
झकझोर जाता था
तेरे होठों की नमी मेरे सीने को सुलगाती थी
तेरे सीने पे मेरी शिद्दत,
ठहर जाती थी
तेरी मासूमियत को मेरी रूह चूमती थी
तेरी रूह को मेरी नवाजिश
रास आती थी
तेरे चेहरे पे मेरी नज़रें पतंग उड़ाती थी
तेरी नज़रें मेरे कंधो पे आँसू
छोड़ जाती थी
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'Arrivederci'
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दरवाजे पर दस्तक
Poetry[Highest rank: 34] तेरी मासूमियत को मेरी रूह चूमती थी, तेरी रूह को मेरी नवाजिश रास आती थी! It's a collection of my Hindi/Urdu Poetry.