छोटी सी बात
क्यूँ कहता नहीं
वो एक बात जो
दिल के दरिया में
छुपी है आज वो।
दबी पड़ी उदास सी
रह गयी वहीं कहीं
अनकही वो बात
वो छोटी सी बात,
वो छोटी सी बात।
कहाँ ढूँढूं तुझे,
तू गायब कभी
हुआ नहीं,
फिर भी साथ
तू है नहीं,
चल कहीं साथ चल
हाथ थाम दो-चार पल
खुशनुमा है यह शाम भी
दूर है मकाम भी
बात अनकही
क्या वो रह गयी
क्या रह गयी
वो छोटी सी बात
रह गयी।
खामोशियाँ
कचोटती,
दिल की तू
है रोशनी
स्पर्श है
गुलाब सा
अनकहे एक
ख्वाब सा।
धीमी धीमी
साँस है
तू तो बस
एहसास है
ढल रही
यह रात है
रह गयी वो
एक बात है
एक छोटी सी
बात है।
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दरवाजे पर दस्तक
Poetry[Highest rank: 34] तेरी मासूमियत को मेरी रूह चूमती थी, तेरी रूह को मेरी नवाजिश रास आती थी! It's a collection of my Hindi/Urdu Poetry.