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मेरी राहें,फैली बाहें,
झूमें, नाचें,
जैसे चाहें!
•••••
प्यार का मोती,
जीवन है सागर
ढूंड निकालो,
आँखे झपकाकर!
•••••बादल में बरखा,
बरखा का पानी
भागे तुम घर से,
बात ना मानी
ठंडी सुबह है,
धूप पुरानी,
चेहरा तुम्हारा,
एक नई कहानी!
क़िस्सा वो गुलाब का,
याद है?
हमारी मीठी बातें?
याद है?
कैसे हमने बातों से समय की पतंग को हवाओं मे उड़ा दिया?
याद है?
कैसे अपनी यादों को उन मीठी राहों पे सज़ा दिया?
•••••
तेरे तिरछी आँखें,
लिपटी इनसे शाखें
और खूबसूरती,
पलकों की खिड़की खोल झाँके!
•••••एक मासूम सा परिंदा,
तेरा दिल के खत लेके उड़ रहा था,
मेरा पता उसको पता था.
दे गया तेरा हर खत मुझे, दे गया
•••••और साँझ ढलने से पहले,
तेरे सारे खत मैने पढ़ लिए,
मेरे कदम, तेरी राहों की और चल दिए,
और एक नई सुबह एक सफ़र शुरू हुआ!
•••••
इज़ाज़त हो अगर
तो एक चाह है
ज़िंदगी अगर
एक राह है
तू रहे मेरे साथ
बस यही ख्वाब है!
बस यही ख्वाब है!
~आशुतोष मिश्रा
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दरवाजे पर दस्तक
Поэзия[Highest rank: 34] तेरी मासूमियत को मेरी रूह चूमती थी, तेरी रूह को मेरी नवाजिश रास आती थी! It's a collection of my Hindi/Urdu Poetry.