जिनकी शायरियों पे आप बड़े अदब से वाह वाह कर रहीं थी,
उनके बेबाक आवारा शब्द, मेरी कलम की श्याही से रंगे थे!जिस हाल-ए-गम पे आपका दिल नर्म हुआ जा रहा था,
वो जुस्तूजु, वो आरज़ू, वो इस दिल के कुरेदे ज़ज्बात थे!जिस इश्क़ की सौंधी खुसबू ने आपको मदहोश किया था,
वो अल्फ़ाज़, वो लफ्ज़, मेरी हक़ीक़त से तराशे हुए थे!
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दरवाजे पर दस्तक
Poetry[Highest rank: 34] तेरी मासूमियत को मेरी रूह चूमती थी, तेरी रूह को मेरी नवाजिश रास आती थी! It's a collection of my Hindi/Urdu Poetry.