सिलसिला

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  • इन्हें समर्पित: theinfjgirl
                                    

जिनकी शायरियों पे आप बड़े अदब से वाह वाह कर रहीं थी,
उनके बेबाक आवारा शब्द, मेरी कलम की श्याही से रंगे थे!


जिस हाल-ए-गम पे आपका दिल नर्म हुआ जा रहा था,
वो जुस्तूजु, वो आरज़ू, वो इस दिल के कुरेदे ज़ज्बात थे!

जिस इश्क़ की सौंधी खुसबू ने आपको मदहोश किया था,
वो अल्फ़ाज़, वो लफ्ज़, मेरी हक़ीक़त से तराशे हुए थे!

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