[Note: Don't forget to check out the collab poetry down below]
याद है या भूल गई?
याद है
जब तेरे गम से लिपटे आँसू मेरी हथेलियों पे आ गिरते थे
जब तेरे माथे की शिकन मेरे कंधों पे ठहर जाती थी
जब तेरी पलकों को मेरी साँसे लोरी गा गा के सुलाती थी
जब तेरे जज्बातों की कश्ती मेरे समंदर पे गोते खाती थी
क्या अब भी याद है?
या भुला दी है तुमने
वो रातें जब तेरी धड़कन मेरी धड़कन से टकराती थी
वो खूबसूरत हँसी जो मेरे गुस्से को पिघलाती थी
वो तुम्हारा मुझे एकटक घूरना
वो मेरा तुम्हे देर तक चूमना
वो तुम्हारा सांझ का गाना
वो मेरा एक अफ़साना
वो ठ..ठ..ठिठुरती कंपन
वो सी..सी..सिसकती धड़कन
वो तुम्हारी बाहों मे थमे पल
वो तुम्हारे होठों पे सज़ा ख्वाब
वो तुम्हारी डाइयरी के गायब पन्ने
वो मेरी ज़िंदगी के जायज़ सपने,
क्या सब बसएक याद है
या वो याद भी
तुम भुला चुकी हो?
~ AUGUST
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Author's Space
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Cheers. Aadaab. Namestey.
First Collaboration
August
वो तुम्हारी बाहों मे थमे पलवो तुम्हारे होठों पे सज़ा ख्वाब
वो तुम्हारी डाइयरी के गायब पन्ने
वो मेरी ज़िंदगी के जायज़ सपने,
undoubtedlymine
ये तो जैसे पुरानी यादों का कोई पिटारा खुल गया
उन बीती बातों का जादू फिज़ा में फिर से घुल गया
Augustबीती बातें भी तो वो बादल है
जिनसे यादों की बरखा होती है
जिसमे झूम जाने को दिल चाहता हैवो पल फिर बिताने को जी चाहता है
बीती बातों के बादलों की साज़िश
अब नाकाम होने लगी है
नकली उम्मीदों के बुलबुले की चमक
अब खोने सी लगी हैबादलों का क्या है
उन्हें तो बस यूं ही बरस के खो जाना है
सच के कीचड़ में लिपटे
हमें फिर से तन्हा हो जाना हैरोकना तो किसी मौसम को मुमकिन नहीं है
ये जिंदगी है, यूं ही चलती है
फिर भी, हो सके तो असलियत की धूप ही रहने दो
इसी में तसल्ली मिलती है
आप पढ़ रहे हैं
दरवाजे पर दस्तक
Poetry[Highest rank: 34] तेरी मासूमियत को मेरी रूह चूमती थी, तेरी रूह को मेरी नवाजिश रास आती थी! It's a collection of my Hindi/Urdu Poetry.