माता पिता के देहांत के बाद पुरे घर की जिम्मेदारी मेरे कंधो पर आ पड़ी थी, मैं शहर में रहता था जबकि मेरे परिवार के अन्य लोग पास के गाव में ,गाव में ऐसे तो पूरा परिवार था पर बटवारें की वजह से कोई अपना कहने को ना था मैंने सालों से बाहर रहकर ही पढाई की थी और फिर यही जॉब भी करने लगा ,मेरे कॉलेज की एक लड़की काजल से मेरा अफेयर था सोचा था की थोडा़ सेटल होने के बाद माँ को सब बता दूंगा पर अचानक हुए इस वाकये से मैं स्तब्ध रह गया ,मेरे परिवार में मेरी दोनों छोटी बहनों की जिम्मेदारी अब मेरे ऊपर थी, मैंने उन्हें अपने पास शहर ले आया और उनकी पढ़ाई की व्यवस्था भी यहीं कर दि, पूर्वी मेरी छोटी बहन थी जो अभी स्कूल में थी और बड़ी शरारती थी और दूसरी निशा अभी स्कूल से निकली थी और उसे यहाँ के कॉलेज में दाखिला करा दिया था, कुछ दिनों के बाद मैंने काजल से शादी भी कर ली ,ताकि हम दो कमाने वाले हो जाए शादी हमने कोर्ट में की थी जिसमे बस मेरी दोनों बहने और काजल के पापा , भाई वरुण ,और भाई का दोस्त सुशांत आये थे ,काजल की माँ भी गुजर चुकी थी ,काजल और मैं अलग अलग होटल्स में मेनेजर थे...मैंने अपने बड़े काम निपटा दिए और टेंशन फ्री हो गया मैंने अपनी बहनों से कह रखा था की जो लड़का तुम्हे पसंद आये उससे तुम्हारी शादी करा दूंगा, मेरी बहने गाव में रहने के कारण बहुत ही शर्मीली थी लेकिन मुझे क्या पता था की शहर की हवा में क्या जादू होता है,
कहानी तब से शुरू होती है जब मैं अपने होटल के काम से एक दूसरे होटल में गया था, हमारे शहर में कुल 5 बड़े होटल्स थे जिसमे हमेशा बहुत जादा प्रतियोगिता होती थी ,मैंने और काजल ने अपनी शादी की बात तक इसलिए छुपाई थी की कहीं हमें नौकरी से इसलिए ना निकल दिया जाय की हम दोनों प्रतियोगी होटल्स में काम करते है, मेरे होटल के मालिक कपूर साहब थे और काजल के होटल के मालिक खान साहब दोनों में कट्टर दुश्मनी थी, दोनों बहुत रसूखदार लोग थे और हर चीज में प्रतियोगी थे ,ये सब तबसे शुरू हुआ था जबसे कपूर साहब की बेटी ने खान के बेटे से शादी कर ली सब बढ़िया था पर खान का लड़का अजीम बड़ा आइयाश किस्म का था सो दोनों का तलाक हो गया और दोनों नामी घराने एक दूसरे के दुश्मन ...मैं मेहता एंड संस के होटल में पंहुचा मुझे मेहता साहब के साहबजादे रवि से मिलाना था, मैं रवि के केबिन में पंहुचा ही था की वहाँ के मेनेजर किशन ने मुझे रोक लिया ..
'अबे क्या कर रहा है ,रवि साहब अभी बिजी हैं ,'हम सभी होटल के मैनेजरों को अच्छी तरह पहचानते थे,और हमारी दोस्ती भी ठीक ठाक ही थी ,
'अबे मुझे रवि ने खुद बुलाया था ,कुछ काम था उन्हें ,''बुलाया होगा मेरे भाई पर समझा कर साला रवि अभी यहाँ की HR के साथ लगा हुआ है,अपनी ठरक मिटाने दे उसे फिर मिल लेना,'HR का नाम सुनते ही मेरे मुँह में पानी आ गया ,नाम था शबनम क्या माल थी
' साला रवि बड़ा खुश किस्मत है यार,'
'साले तेरे पास उतने पैसे होंगे ना तो तू भी खुशकिस्मत हो जायेगा ,साली को पैसे चाहिए और रवि को उसकी जवानी ,बेचारा उसका पति जितना उसने उसे नहीं चोदा होगा उतना तो रवि ने इसे चोद लिया है,'किशन हँसने लगा, मैंने अपना सर धीरे से उसके केबिन के दरवाजे से लगाने की कोशिस की वहाँ से शबनम की आँहो की आवाजें मुझे साफ़ सुनाई दे रही थी ,,
'साला क्या चोद रहा है बे कितना चिल्ला रही है,'
'अरे कुछ नहीं साली रांड है ,उसे खुश करने के लिए चिल्लाती है,'
'साले तुझे कैसे पता ,'मैंने आँखे बड़ी कर उससे पूछा,
'अबे मैंने भी ली है उसकी जब रवि हॉलिडे पर था ,'किशन ने अपने दांत निकल दिए ,मैं आश्चर्य से उसे देखने लगा,
'भाई मेरी भी कुछ सेटिंग करा दे ना मैं भी उसकी ले लू ,साली कमाल की लगती है बे,'मैंने अपनी आँखों में हवस भर कर कहा,
'करा दूंगा पर तुझे मेरी सेटिंग उस खान के होटल वाली मैंनेजर से कराना पड़ेगा क्या नाम है उसका हां काजल साली चलती है तो लगता है की पकड़ के पेल ही दू,'काजल का नाम सुनकर मेरे दिल की धड़कन ही बढ़ गयी ।
'साले वो खान के होटल की है तुझे तो पता है ना,अपना कैसा है वहाँ से और काजल शादीशुदा लड़की है बे और बहुत संस्कारी भी है,'
'हाँ जनता हूं साले उसके संस्कार, मुझे तो लगता है वो खान का लवंडा उसे फुल पेलता होगा उसके होटल की माल को वो कैसे छोड़ देगा,और उसके पति का तो अता पता भी नहीं है ,सुना हूँ किसी दुसरे जगह रहता है,और तू साले हमें चुतिया ना बना साथ साथ गार्डन जाता है ना उसके ,वो भी अपने बहनों के साथ ,साले तू उसे चोदे और हमे बोले संस्कारी ,'मेरा चेहरा लाल पड़ने लग गया मुझे समझ नहीं आ रहा था की इसे क्या कहूं,और इसने जो अजिम के बारे में कहा उससे मेरा दिल ही दहल गया था मुझे इतना तो पता था की अजीम बहुत ही कमीना लड़का है,
'अबे वो मेरे बहनों की दोस्त है इसलिए ,चल छोड़ इस मादरचोद का काम कब पूरा होगा,'
'हो जायेगा,अभी तो चालू हुआ है चल coffee पीते है,'मैं बुझे मन से उसके साथ चलने लगा......कहानी जारी है...
मिलते हैं कहानी के अगले भाग में..
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रंडियों का घर
Romanceरिश्तों के जंजीरों मे बंधी एक ऐसी प्रेम कहानी जो रिश्तों के मायने ही बदल दे.... एक ऐसी ही अद्भुत प्रेम कहानी.... जिसमे संभोग तो है लेकिन हवस नाम की कोई चीज़ नही है... मै एक ऐसी erotic story आप सब के लिए लेकर आया हुँ... जो रिश्तों के मायने ही बदल दे...