भाग - 43

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“तुम्हें मलिनी कैसी लगी”

काजल ने मुझसे लिपटकर कहा.

“ बहुत अच्छी,लगा ही नहीं जैसे किसी अनजान से बोल रहा हूं”

काजल का चेहरा चमक उठा, वह किसी बच्चे की तरह उछल पड़ी ,

” काश मैं उन्हें देख पाती”

“ तो चलो कभी चलते हैं”

उसका चेहरा थोड़ा सा उदास हो गया

“और क्या-क्या किए” उसने बात को पलटा

“और कुछ नहीं बस घूमे फिरे और हां डॉक्टर से भी मिला”

काजल चौकी, वह मेरी बाहों से अलग हो गई

“क्या तुम डॉक्टर साहब से मिले”

“ हां क्यों यहां हमारी पहचान तो हो ही चुकी थी वह मुझे वहां दिख गए थे”

काजल का चेहरा गंभीर होता गया..

“ क्या हुआ डॉक्टर का नाम सुनते ही तुम्हारे चेहरे में क्या हो गया”

मैंने उसे परखने के अंदाज में कहा उसने अपने आप को तुरंत संभाला

“कुछ भी तो नहीं “

थोड़ी देर सोचती रही

“ अच्छा मैंने जो तुम्हें कहा था उसके बारे में क्या सोचा”

उसने थोड़ी नजाकत के साथ और थोड़ी शरारत के साथ मुझसे पूछा

“ किस बारे में???”

“ अरे वही जो मैंने तुम्हें कहा था cuckoldry के बारे में”उसके होठो में मुस्कान थी

“ तुम पागल हो गई हो क्या”

मैं अपनी भावनाओं को छुपाते हुए कहा

“ ऐसी कोई बात नहीं लेकिन फिर भी मुझे लगता है की तुम्हे कितना दुख होता होगा , उससे अच्छा है कि दर्द का मजा लिया जाए”

मैंने अपना सिर झटका

“दर्द का मजा “वह मेरे ऊपर आ चुकी थी उसने मेरे होठों पर अपने तपते हुए होठ रखें वह चुंबन कुछ देर तक चलता रहा..

मैं उसके जिस्म को सहलाता रहा और वह मादक सिसकियां लेते रही

“क्यों दर्द में मजा नहीं है क्या???

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