भाग - 28

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"हैल्लो इन्स्पेक्टर ठाकुर कैसे है आप "

डॉ ने इंस्पेक्टर से हाथ मिलाते हुए कहा ,

"आपकी कृपा है सर "

दोनो के ही होठो में मुस्कान आ गई

"हैल्लो देव"ठाकुर ने अब अपना हाथ मेरी ओर बढ़ाया ,

मैं ऐसे भी अभी तक इस बात को लेकर चिंतित था की आखिर डॉ ने मुझे अपने साथ आने को क्यो कहा है,ये वही इंस्पेक्टर था जिसने मुझे अरेस्ट किया था शाम का समय था और मैं होटल से थका हुआ अपने घर जाने को ही निकला था,आज पूर्वी भी हॉस्पिटल से घर शिफ्ट हो गई थी,पिछले 3 दिनों से निशा मुझसे नजरे चुरा रही थी,अब मुझे भी उससे बात करने की इच्छा जागने लगी थी लेकिन फिर भी जब तक पूर्वी हॉस्पिटल में थी हमे ऐसा समय ही नही मिल पा रहा था की हम कुछ बात कर पाए,मैं घर को निकला ही था की काजल का काल आया उसने मुझे जिला सेंटर जेल में बुलाया था,मैं चौका लेकिन फिर भी क्या करता ,वही मुझे डॉ मिलने वाले थे जो की बाहर ही मिल गए,काजल को आने में समय था ,अभी अभी ठाकुर साहब पहुचे थे......

"आखिर बात क्या है सर"

मैंने डॉ की तरफ रुख किया ..

"हम अजीम से मिलने आये है "

सुनकर मैं दंग रह गया ,अगर काजल को ही मिलना था तो मुझे लाने की क्या जरूरत थी ,

शायद डॉ को मेरी नजर समझ आ गई

"असल में वो चाहती थी की अब तुम भी हमारे ही साथ रहो,"मुझे कुछ समझ तो नही आया लेकिन मुझे समझने की कोई जरूरत भी तो नही थी,आखिर जो हो रहा है वो देखना बस तो था मुझे ...

मैंने जेल के गेट में काजल की कर रुकते देखी,हम सभी अभी गेट के बाहर ही थे..

वो उतर कर सीधे ठाकुर के पास पहुची

"क्या हुआ है अजीम को "

उसकी आवाज में एक अजीब सी घबराहट थी लगा जैसे वो अजीम के लिए बहुत ही चिंतित है ...

"पता नही कुछ अजीब सी हरकते कर रहा है ,अभी तक खान को पता नही चला है उसे कुछ पता चले उससे पहले मैंने डॉ को बताना सही समझा ...

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