दोस्तो यंहा से कहानी अलग अलग लोगो द्वारा बताई जाएगी..
अभी तक ये कहानी देव बोल रहा था,तो अब से ये कभी राइटर ,कभी निशा,या काजल की ओर से चलेगी…
राइडर्स कृपया कन्फ्यूज़ ना हो,और इसके लिए मैं पहले ही बता दूंगा ..ऐसे लगभग रोज ही उपडेस आ रहे है तो स्टोरी आप भूलोगे नही की क्या चल रहा है,स्मूथ स्टोरी चलाने की कोसिस रहेगी ताकि ज्यादा कन्फ्यूजन ना हो……..
निशा अभी अपने आंसुओ को रोक नही पा रही थी ,जबकि देव जेल में था,निशा अभी काजल के पास ही हॉस्पिटल में बैठी थी,काजल उसे सांत्वना दे रही थी ,लेकिन निशा का दुख कम नही हो पा रहा था…
“अपने भइया को क्या क्या बताया है भाभी “
निशा की इस बात से काजल थोड़ी सहम गई
“क्या सब कुछ बता दिया अपने “
निशा ने भरे हुए नजरो से काजल को देखा जैसे काजल को फिर से धक्का लगा हो
“मैं अब भइया से कैसे नजर मिला पाऊंगी..और आपको हमे भी तो बतलाना चाहिए था..”
निशा का चहरा परिवर्तित होने लगा था,वो गुस्से में आ रही थी लेकिन ये हॉस्पिटल था ….
“मैने उन्हें कुछ भी नही बताया है निशा “
“उनके बातो से तो ऐसा नई लगा की अपने उन्हें कुछ नही बताया होगा “
वो जोर देने के अंदाज में बोली ..
“मेरे भइया इतने सीधे है की उन्हें तो हमपर शक भी नही हो सकता था,लेकिन आपकी ही गलती से ये सब हुआ है,बाहर से आकर नशे की हालत में ही भइया को सब कुछ बता दिया था अपने ...उन्हें आप अपना कस्टमर समझ रही थी “(उपडेट नंबर 4)
काजल उसका चहरा देखने लगी ,उसे यकीन नही हो रहा था की ये बात निशा को कैसे पता ..
शायद निशा को उसकी नजर से कुछ समझ आ गया था..
“मैं उस रात आप लोगे के कमरे के बाहर ही थी ,”
काजल अब घबरा गई ..
“घबराइए नही ना आपको कुछ होगा ना ही आपके इकलौते भाई वरुण को ,...लेकिन आपके पापा ..”

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रंडियों का घर
Romanceरिश्तों के जंजीरों मे बंधी एक ऐसी प्रेम कहानी जो रिश्तों के मायने ही बदल दे.... एक ऐसी ही अद्भुत प्रेम कहानी.... जिसमे संभोग तो है लेकिन हवस नाम की कोई चीज़ नही है... मै एक ऐसी erotic story आप सब के लिए लेकर आया हुँ... जो रिश्तों के मायने ही बदल दे...