भाग - 17

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काजल के नंगे जिस्म की गर्मी ने सुबह सुबह ही उत्तेजित कर दिया था, रात को उठा हुआ तूफान फिर से उठ खड़ा हो गया, बिस्तर से उठने के बाद एक राउंड बाथरूम में नहाते हुए भी निपटा लिया गया था...

सच में ये प्यार कई दिनों को बाद ही उमड़ कर आ रहा था,असल में जब किसी चीज को खोने का डर ज्यादा हो तो प्यार भी ज्यादा हो जाता है...यंही हमारे साथ भी हो रहा था..

अक्सर पति पत्नी के रिश्तों  में कुछ सालो बाद ही एक सुस्ती सी आ जाती है, कारण साफ है की जब आपको पता है की ये कही नही जाने वाली तो आप उसे महत्व देना ही बन्द कर देते है...ये चीज गर्लफ्रैंड बॉयफ्रेंड के रिलेशन में भी दिखता है..लेकिन अगर कुछ ऐसा हो जाए की वो आपसे दूर हो जाए तब उसकी अहमियत समझ आने लगती है..

आज मैं जल्दी ही होटल पहुच गया था,पहुचते ही मुझे रूपचंद दिखाई दिया,वही जो कल रात शबनम के साथ था..

"वाह यार देव मान गए क्या कमाल का माल दिया था तुमने ,पूरे 15 वसूल हो गए ,ये तो खान के काजल से भी मस्त थी "

वो साला अपनी गंदी शक्ल के साथ मुझे बेमकसद ही जला रहा था, मैं उस मोटे के साथ काजल को इमेजिंन भी नही करना चाहता था, मन किया की एक झापड़ उसके गालों  में लगा दु ,,..लेकिन हाय नॉकरी हँसकर ही बात करना पड़ता है..

"थैंक्यू सर आप हमारे खास कस्टमर है, खास लोगों को खास चीज ही दी जाती है, ऐसे आप जा रहे है.."

"हाँ अपना काम तो हो गया, मिलते है कभी और कोई खास माल आये तो रखना मेरे लिए ऐसा ही कोई तगड़ा माल ..अभी अभी और ले के आ रहा हु उसकी "

वो हंसता हूं वँहा से चला गया ,और मेरे पैर अपने ही आप उस कमरे की ओर चले गए जंहा वो ठहरे थे, मेरे पास उस रूम का पास था, जिसे मुझे रूपचंद ने हैंडल किया था ..मैं रूम खोलकर अंदर पहुचा, शबनम अभी अभी नहा कर निकली थी और मुझे देखकर मुस्कुराने लगी, देखा तो बिस्तर के बाजू में ही उसकी पेंटी पड़ी हुई थी जिसे उठाकर ओ डस्टबिन में डाल देती है..

"अरे तुमने तो मुझे कहा था की तुम फेंकती नही ,धो कर रखोगी .."

वो खिलखिला कर हँसने लगी..

"जब कोई इसे गंदा करने के लाखो दे रहा हो तो 2-3 हजार की पेंटी तो ले ही सकती हु ना "

"लेकिन उस दिन तो .."

वो मेरे पास खड़ी थी और उसके शरीर से आती हुई महक ने मुझे उत्तेजित कर दिया था मैंने उसे अपने से कस लिया..

"अरे देव बाबू ,जब किसी के साथ बिना पैसों के सोया जाय तो क्यो पेंटी को फेकूँगी, ये तो उन कस्टमर के लिए है जो हमे पैसा देते है, नया कस्टमर नई पेंटी "वो मेरे गालो में एक किस कर मुझसे अलग हो गई, मेरे दिमाग में काजल के बेग से निकली हुई पेंटी घूम गई ..

"काजल के बेग से भी मुझे एक मिली थी "

वो मुझे थोड़े आश्चर्य से देखी और जोरो से खिलखिलाकर हँसने लगी ..

"तो वो भी सोई होगी किसी के साथ बिना पैसे लिए "

वो अपने टॉवेल को जो की उसके शरीर से लिपटा हुआ था उतार कर फेक देती है, अब मेरे सामने पूरी तरह से नंगी खड़ी थी ,वो अपने बेग से एक नया सेट निकालकर पहनने लगती है ,और फिर अपना ड्रेश पहन कर तैयार हो जाती है..

"ऐसे क्या देख रहे हो देव "

मैं उसे ये सब करते देख रहा था, वो अभी दर्पण के सामने खड़ी थी और अपना मेकअप लगा रही थी ...

"देख रहा हु की कैसे  एक परी सी सुंदर लड़की एक भद्दे से मर्द के साथ रात बिता लेती है ...और उसके बाद भी सुबह यू हँसती हुई दिखती है"

मेरा स्वर ठण्डा था..शबनम मुझे आश्चर्य से देख रही थी वो मेरे पास आकर मेरे गालो को सहलाने लगी ..

"देब ये एक धंधा है और धंधे में इमोशन को बीच में नही लाना चाहिए...अगर वो आया तो किसी के साथ सोना तो दूर किसी को हाथ लगाने भी नही दिया जा सकता...और जब हमे धंधा करना ही है तो कस्टमर के चेहरे में क्या रखा है...हमने तो यही सीखा है की खुद भी कैसे मजे लिए जाय, ये देखो "

वो एक दवाई अपने बेग से निकाल कर दिखाने लगी..

इसे कस्टमर को खिला दो तो भी हल्क बन जाता है, रात भर घोड़े के जैसे दौड़ता है,और आंखे बंद करने के बाद कौन सा किसी का चेहरा दिखाई देता है...हम भी संतुस्ट और कस्टमर भी खुस "

वो फिर से खिलखिलाई ,लेकिन मुझे उसकी बात पर आश्चर्य हुआ क्योकि मुझे आज पता चला की शबनम जो की इतनी सुंदर और मासूमियत की देवी लगती है, इस धंधे की इतनी बड़ी खिलाड़ी है ,वो सच में किसी रंडी सी बाते करने लगी थी..

इधर रश्मि भी इस धंधे की पहली कमाई से खुस थी ,वक्त बीतता गया और हमारा होटल बहुत ही तेजी से नाम कमाता गया, होटल में अभी कुछ 15-20 ऐसी लड़कियां  थी जो वक्त आने पर जिस्म का धंधा करती थी ,ये सभी आम लड़कियों की तरह ही थी जो होटल में काम करती थी ,कोई देखकर नही कह सकता की ये क्या काम करती होगी, सभी का कंट्रोल शबनम के हाथो में ही था, मुझे मेरा कमीशन मिल जाया करता, जो की ग्राहक के ऊपर होता था,मैं भी इन कामों में अब एक्सपर्ट सा बन गया था, MBA की डिग्री का ये तो फायदा हुआ की मैं अच्छे से मोलभाव कर लिया करता था, मुझे लोगों के हैसियत की पहचान थी ,कम से कम 1 लाख और ज्यादा से ज्यादा 15-20 लाख तक का सौदा होता था, मैं जितना ज्यादा पैसा लड़कियों को दिलाता उतना ही बड़ा कमीशन मुझे मिलने लगा था..इतने पैसों की तो कल्पना भी नही की थी जितने मुझे 1 महीने में ही मिल गए थे.......

इधर काजल के होटल की हालत बहुत ही खराब चल रही थी, खान साहब के बिजनेस में बड़ा घटा हुआ था ,पुलिस को उनके कई गैरकानूनी धंधों के बारे में पता चल गया, जिससे अजीम और खान साहब के ऊपर मुकदमो की संख्या बढ़ती गई,...

मुझे पता था की ये सभी कुछ काजल का ही किया धरा था, लेकिन दुनिया की और अजीम और खान की नजरो में वो उनकी सबसे करीबी सहलाकर बनकर उभरी, वही थी जो अजीम के वकील के साथ उसके मुकदमो में जाया करती थी ,या उससे मिलने जेल जाया करती थी ,वही खान पूरी तरह से टूट गया था,एक इकलौता बेटा जेल में हो और धंधे में इतना घटा उसके लिए सहन से बाहर हो रहा था,उसे सांत्वना देने का काम भी काजल का हि था,......

वही रश्मि और खान के बीच एक अजीब सा कनेक्शन भी उभरने लगा था,रश्मि मुझे लेकर खान के होटल गई थी ,

"तुम बाहर बैठो मैं आती हु "

हम खान के केबिन के बाहर खड़े थे ,बाहर ही हमे काजल मिल गई जो की खान के केबिन से अभी अभी निकली थी ,वो हमेशा की तरह ही साड़ी में थी ,लेकिन उसके बाल अभी बिखरे हुए थे,साड़ी थोड़ी अस्त व्यस्त दिख रही थी ..वो हमे देख कर चौकी नही ,शायद खान ने उसे बता दिया होगा की रश्मि आ रही है, लेकिन मैं उसकी ये हालत देखकर चौका ..

"गुड मॉर्निंग मेडम "

काजल ने रश्मि को हल्के से मुस्कुराते हुए विस् किया ..

"बीच (हिंदी में कुतिया )"

रश्मि ने उसके अभिवंदन का जवाब देते हुए कहा,और मुह बना कर अंदर चली गई ..

काजल ने मुझे देखा जो की हैरत से उसे देख रहा था वो मुझे आंख मारकर हल्के से हंसते हुए वँहा से चली गई, मैं बाहर ही रखे सोफे में बैठ गया ..

रश्मि जिस शख्स से सबसे ज्यादा चिढ़ती थी वो थी काजल ...

उसे लगता था की काजल की ही वजह से उसके और अजीम के रिश्तों के बीच में दरार आयी है...ऐसे काजल ने मुझे ये बात बता दी थी इसलिए मुझे इससे कुछ फर्क नही पड़ा लेकिन अब ये खान ........



कहानी अभी जारी है...मिलते हैं कहानी के अगले भाग में....

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