भाग - 27

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“वाह मेरे देव तुम तो यार हीरो निकले “

रश्मि का चहरा दमक रहा था,मैं अभी अभी थाने से जमानत में छूट कर आया था और जमानत करवाने वाली रश्मि ही थी ,मैने कुछ लड़को को क्या मार दिया ये लोग मुझे हीरो बनाने में ही तूल गए थे,रश्मि को तो इतना खुस मैंने कभी नही देखा था,आखिर बात क्या थी इतनी खुसी की …


“उसने मेरी बहन को छेड़ा था बस इसलिए “

“ओह लेकिन हर लड़का इतना बहादुर तो नही होता जो इतने लड़को के बीच अकेला पहुच जाय...खैर मैं तुम्हारे इस फैसले से बहुत खुस हुई “

वो इतनी खुस क्यो हो रही थी ,ये प्रोफेशनल लड़की थी इसे खुसी बेवजह तो नही हो सकती ..

मैं उसे यही बात अपनी आंखों से पूछ रहा था…

“असल में अब तुम तैयार हो ..”

वो हल्के से मुस्कुराई ..

“किस लिए ????”

मैं फिर के आश्चर्य से भर गया

“लड़ाई के लिए “

मुझे कुछ भी समझ नही आया की वो क्या बोल रही थी …

“खान से और किससे “उसने अपनी बात पूरी की

“लेकिन भला मैं क्यो उनसे लड़ने लगा “

वो खिलखिलाई

“यंहा एक जंग तो छिड़ी ही हुई है देव ,,ये दिमाग की जंग है और तुम चाहो या ना चाहो तुम इस जंग का हिस्सा हो “

वो खामोश थी लेकिन उसके होठो में एक मुस्कान थी मैं उसकी बातो को समझने की कोशिस कर रहा था ……..

“अगर मैं कहु की पूर्वी पर ये हमला खान ने करवाया था तो “

उसने एक बम फोड़ा

“नही ये नही हो सकता वो तो बस कॉलेज के आवारा लड़के थे “जितना मैं समझ पाया था मैंने कहा

“तुम जानते नही खान को वो साला बहुत ही कमीना है ,अपने बेटे से भी ज्यादा ,और वो साली रंडी काजल “

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