निशा के जाने के कुछ देर बाद ही काजल फ्रेश होकर बाहर आयी उसके शरीर से नहाने के बाद भी उसके परफ्यूम की खुसबू मेरे नाक में आ रही थी ,जिस खुसबू का मैं दीवाना था…
मैं पहले से ही बहुत ही उत्तेजित था लेकिन फिर भी मुझे सोने की एक्टिंग तो करनी ही थी,
मैं सोया ही रहा ,काजल मेरे पास आयी और मेरे गालो में एक किस करने सोने लगी ,......मेरी नीद तो गायब थी ,जब निशा चली गई और मेरा लिंग थोड़ा ठंडा हुआ तब मैंने सोचा की आखिर मैं कर क्या रहा था,ये बात सोचते ही मेरा मन में ग्लानि के भाव आ गए की मैं अपनी ही बहन के साथ …???
मैं सच में गिरा हुआ आदमी हु …..जब तक लिंग में अकड़ था मेरे अंदर हवस की आग थी तब तो मुझे कुछ भी समझ नही आ रहा था,शायद इसी लिए हवस ,काम वासना,क्रोध,लोभ,मोह ,मद,को आग कहा गया है क्योकि सबसे पहले सोचने समझने की क्षमता को ही जला देता है……
मैं जब उठा तो काजल नींद में थी मैंने उसके गालो में किस किया और बाथरूम की तरफ बढ़ा,मेरी नजर उसके पर्स पर चली गई ,ना जाने क्यो कोई आकर्षण मुझे उसतक ले गया जब मैंने अंदर देखा तो एक लाल रंग की पेंटी दिखाई दी,मैंने उसे छुवा नही लेकिन मेरा दिमाग फिर से खराब हो गया,काजल रात भर किसी से बिना पैसों के चुद कर आयी थी इसका मलतब था की वो शायद खान होगा,मादरचोद खान,अपने बेटी की उम्र की लड़की को ठोक रहा था,..
मैं इस बात से थोड़ा अपसेट भी था क्योकि काजल का इस तरह खान को सबकुछ देना और इधर मेरी ही बहन के साथ मेरे संबंधों ने मुझे थोड़ा झकझोर दिया था,मुझे पता था की मैं दोनो का ही कुछ नही कर सकता ,आज संडे था उर जैसे सभी आज के दिन छुटिया मानते है हमारे लिए आज सबसे ज्यादा बिजी दिन होता है,हमारा रेस्टारेंट और बार आज लगभग फूल होता है,मैं जल्दी से ही होटल को निकल गया..
होटल पहुचते ही मुझे सूचना दी गई की रश्मि ने मुझे याद किया है ,मेरा मूड और भी खराब हो गया क्योकि ना जाने अब इसे क्या हो गया था,ऐसे भी जो कल हुआ था मुझे लगा की वो अब भी गुस्से में होगी,मझे बताया गया की वो स्विमिंग पुल में थी ……
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रंडियों का घर
Romanceरिश्तों के जंजीरों मे बंधी एक ऐसी प्रेम कहानी जो रिश्तों के मायने ही बदल दे.... एक ऐसी ही अद्भुत प्रेम कहानी.... जिसमे संभोग तो है लेकिन हवस नाम की कोई चीज़ नही है... मै एक ऐसी erotic story आप सब के लिए लेकर आया हुँ... जो रिश्तों के मायने ही बदल दे...