भाग - 8

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शबनम अभी भी नंगी लेटी हुई थी और मेरे वीर्य को अपने पेंटी से पोछ रही थी ...मुझे तब आश्चर्य हुआ जब उसने अपनी पेंटी को अपने पर्स में डाल लिया ,

“अरे ये क्या कर रही हो, फेक दो इसे “

वो जोरो से हँसी …

“इतनी महंगी पेंटी फेक दु ...और ऐसे भी ये मुझे तुम्हारी याद दिलाएगा, इसे मैं नही धोने वाली..” उसने मुझे आंख मारी, लेकिन उसकी बात से मेरे लिंग में एक उछाल जरूर आ गया…

“चलो रश्मि मेडम से भी मिल लेता हु और तुम उन लकड़ियों की ट्रेनिंग शुरू कर दो …..

मैं रश्मि के केबिन में बैठा हुआ था, वो किसी से फोन से बात कर रही थी, हमेशा की तरह खूबसूरत रश्मि, अच्छी खासी हाइट थी, गोरों चिट्टी लड़की, और चेहरे में मालकिनों वाला रुआब ,,..

“ह्म्म्म तो मिस्टर देव कैसा रहा पहला दिन शबनम के साथ “ वो फोन रखते हुए बोली, उसके चेहरे में एक मुसकान थी,

“अच्छा था मेडम “

“तुम नही सुधारोगे “

मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ ,

“सॉरी रश्मि “

वो फिर से हल्के से मुस्कुराई और अपनी कुर्सी से उठकर मेरे सामने टेबल में आकर बैठ गई, उसके मिनी टाइट स्कर्ट से उसकी दोनो जाँघे चमकने लगी ,वो कमाल की सेक्सी लग रही थी, होठों पे लगा हुआ लाल लिपिस्टिक और उसके काले खुले हुए बाल उसे और भी सेक्सी लुक दे रहे थे, रश्मि को इतना सजकर आते मैंने पहली बार देखा था,

“नजर बचा के क्यों देख रहे हो सीधे ही देख लो..”

वो फिर से हँसी ,लेकिन मैं झेप गया, उसने मुझे अपनी जांघो को छुपकर देखते पकड़ लिया था, वो मेरे बालों में हाथ फेरकर मुस्कुराई ..

“कमान यार देव, इतना शर्माना बंद करो अब तो तुम्हे कस्टमर और लड़कियों के साथ डील करना पड़ेगा…”

वो साली कातिल थी, गजब की मुस्कान थी ,आज तो दिल और लंड दोनो ही बेताब हो रहा था, पहले शबनम और फिर ये …

शायद उसे मेरे पेंट की ऊँचाई का पता चल गया..

“ओह मिस्टर ,ऐसे ऊँचा करने की जरूरत नही है ,फ्रेंड बोला है तुम्हे बॉयफ्रेंड नही “

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