“ये किसके साथ फ़ोटो खिंचाया है आपने “
काजल वो फ़ोटो देखकर बहुत ही उत्त्साहित लग रही थी जो की निशा ने अपने वाट्सअप के स्टेटस में डाला था,जिसमे निशा ने मेरे,पूर्वी और मलीना मेडम के साथ सेल्फी ली थी ..
“पहचानो ..तुम इन्हें जानती हो “
“हा जानती तो हो मैं इन्हें ,इन्ही की तो पुस्तके पढ़ती रही हु मैं ,मेडम मलीना “
काजल ने ऐसे कहा जैसे पुस्तको के अलावा मलीना से उसका कोई संबंध ही नही था,क्या वो सच में झूट बोलने में इतनी माहिर थी की अपनी माँ को पहचानने से भी इतने सफाई से इनकार कर दे …
“हम्म ये केशरगढ़ के किले में मिली हमे ,निशा और पूर्वी सके अच्छी ट्यूनिंग हो गई तो उन्होंने अपने घर खाने पर बुला लिया …”
“वाओ बहुत ही अच्छा “
झूट बोलने वाला कितना भी महारथी क्यो ना हो कुछ कमियां तो हर इंसान में होती है,काजल की आवाज थोड़ी धीमी हो चुकी थी शायद वो अपने भरे हुए गले को छुपाने की कोसीस कर रही थी ,मैंने उसे थोड़ा और कुरेदने की सौची शायद मैं जान पाउ की वो सच में भावनाओ में है या नही ..
“मैंने उन्हें तुम्हरे बारे में बतलाया वो बहुत खुस हुई की तुम उनके किताब की दीवानी हो “
काजल थोड़ी देर को चुप थी,
“फ़ोटो भी दिखाई क्या मेरी “
“ओ यार भूल गया ,कल दिखाऊंगा “
“नही ……..वो नही क्या जरूरत है “
लेकिन तब तक उसकी नही ने मेरे दिमाग में पूरा मामला साफ कर दिया था ,वो नही को थोड़ा जोर से बोल गई थी जिसका शायद आभास उसे भी हो गया था ,दोनो में कुछ तो संबंध जरूर है वरना कहा पुरातत्व विज्ञान और कहा वो मैनेजमेंट की लड़की ,मुझे तो पहले भी ये बात अजीब लगती थी की क्यो काजल उनकी और सिर्फ उनकी ही किताब पढ़ती है ..
“हम्म्म्म ओके …….”
“जान आपकी बहुत याद आ रही है “
काजल ने बात को बदलने की कोशिस की ,मुझे उसकी आवाज में वो भारीपन मिल गया जिसकी मुझे तलाश थी ,समझने में कोई भी देरी नही लगी की ये बातो को घूमना चाहती है वरना उसे मेरी याद आएगी और वो इतनी दुखी हो जाएगी की उसकी आवाज ही भर जाए ये तो मुझे मुमकिन नही लगता था ,,,,
“तुम भी आ जाओ फिर यंहा ,अच्छी जगह है ,एक दो दिन और रुकने की सोच रहा हु “
“नही ..मत रुको जल्दी आ जाओ ,,मैं अपने काम कर कारण वँहा नही जा सकती “
वो मुझे आकर्षित करने के लिए अपनी आवाज को नशीली बनाने लगी …
“आ जाओ ना मुझे मसलने “उसने बड़ी ही सेक्सी अदा में कहा ..
“तुम्हे मसलने के लिए तो खान वँहा बैठा है “
मैंने एक व्यंग कर दिया जिससे वो बुरी तरह से बौखला गई
“तुम ...तूम ना ….कितनी बार कहा की ये सब को हमारे बीच में मत लाओ …”
उसके आवाज से नाराजगी साफ साफ थी..मैं जोरो से हँसने लगा ..
“अच्छा छोड़ो उसे मैं एक दो दिन में ही आता हु ,और तुम्हे कुछ चाहिए यंहा से …”
“बस तुम आ जाओ और कुछ भी नही चाहिए “
काजल की आवाज में वो गर्मी अब नही रही ,मुझे लगा कि शायद मुझसे कोई गलती हो गई है .
“नाराज हो गई क्या ,लव यु जान “
मैं अपनी आवाज नरम करके बोलने लगा ..वो हल्के से हँसी
“बहुत सारा लव यु ….ऊऊऊम्म्मम्माआआ “
वो खुस थी और उसकी आवाज में चहक वापस आ गया था ..
“अब जल्दी आओ ,बहुत सी बाते करनी है तुमसे ..”
कहानी अभी जारी है...
मिलते हैं कहानी के अगले भाग में....
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रंडियों का घर
Romansaरिश्तों के जंजीरों मे बंधी एक ऐसी प्रेम कहानी जो रिश्तों के मायने ही बदल दे.... एक ऐसी ही अद्भुत प्रेम कहानी.... जिसमे संभोग तो है लेकिन हवस नाम की कोई चीज़ नही है... मै एक ऐसी erotic story आप सब के लिए लेकर आया हुँ... जो रिश्तों के मायने ही बदल दे...