भाग - 15

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मैं होटल से निकल कर सीधे ही काजल को फोन लगाया ,

"हैल्लो कहा मिलु, आज मेरी पहली कमाई तुम्हे देना चाहता हु.."

उसकी हल्की सी आवाज मुझे सुनाई दी

"कितनी है .."

"6 लाख "

"वाट ??? कौन सा बकरा फंस गया आज.."

काजल ने हंसते हुए कहा ..

"रूपचंद नाम है उसका ,बहुत बड़ा सराफा व्यापारी है "

"ओह वो साला ठरकी "

इतना बोल कर ही काजल चुप हो गई ,मैं कैसे भूल गया था की काजल भी उसके साथ रात बिता चुकी थी ...

"तुम्हारा तो पुराना कस्टमर है ना "मेरी आवाज अचानक ही ठंडी हो गई और पूरा जोश अचानक ही कहीं गायब सा हो गया...

"आप आ जाइये मेरे पास ,होटल के पार्किंग में मिलना ,और प्लीज् उदास चेहरा लेकर नही उसी जोश में आना "

"काजल तुम्हे नही लगता की अब बहुत हो गया, छोड़ देते है सब ये शहर ,ये धंधा ,तुम्हारे पास भी बहुत पैसे हो चुके है अब ,कोई छोटा मोटा बिजनेस शुरू कर लेंगे"

दूसरी ओर से बस शांति थी ..

"काजल "

"ह्म्म्म "

"कुछ बोलोगी "

"हमने इस बारे में बात किया था, जो शुरू हो गया उसे खत्म करके ही छोड़ना है, और आपकी बहनों का भी तो सोचो "

उसकी बात से मैं भी थोड़ा खामोश हो गया,

"ठीक है मैं आता हु "

मैं उसके होटल के पार्किंग में पहुचा जंहा वो पहले से ही मौजूद थी ,वो हमेशा की तरह बहुत ही खूबसूरत लग रही थी ,

मैंने पूरे पैसे चेक छोड़कर उसके हाथो में पकड़ा दिए ..

उसने एक गहरी सांस ली ,

"ये सब कितना गलत है वो हम दोनो ही जानते है देव लेकिन तुम भी समझते हो की मैं क्या चाहती हु ,प्लीज् आज के बाद मेरी कसम खाओ की ये सब छोड़ने को नही बोलोगे, जब तक की हमारा काम पूरा नही हो जाता "

काजल का चेहरा सच मे सीरियस था..

"मैं कसम नही खा सकता जान ,तुम जानती हो क्यों "

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