भाग - 23

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मन में दहसत और एक उलझन के साथ मैं होश में आया ,और आते ही ज्यादा आश्चर्य में पड़ गया,मैं इस समय एक लक्जरी कमरे में था...इस कमरे को अच्छे से पहचानता था...मेरे ही होटल का एक लक्जरी कमरा था ये ,मैं बड़े ही आश्चर्य से इधर उधर देखने लगा,मुझे लगा जैसे मैं किसी सपने से जगा हु…..

पूरा दिन मेरे आंखों के सामने फिर से बड़ी ही तेजी से घूम गया था,मैंने अपनी घड़ी देखी,अभी 3 बज रहे थे…

मैं बहनों को कॉलेज छोड़कर 11 बजे के करीब कॉलेज से बाहर आया था...मेरे माथे में अब भी पसीना था ,चोटों का दर्द अब भी कायम था,मतलब साफ था की ये सपना तो नही था……….

लेकिन मैं यंहा कैसे पहुचा,ये लोग इतने ताकतवर है की उन्होंने मुझे बिना किसी की नजर में आये यंहा तक छोड़ दिया जबकि मैं बेहोश था……..

कई सवाल मेरे दिमाग में आ रहे थे लेकिन ये समय सवालों में पड़ने का नही था,मैंने तुरंत ही अपना मोबाइल निकाला और काजल को काल किया ,मैं बेपनाह रूप से परेशान हो चुका था क्योकि अभी भी काजल का नंबर स्विचऑफ बतला रहा था ,ये स्तिथि मेरे लिए और भी ज्यादा परेशान करने वाली थी,मैंने खुद को थोड़ा रिलेक्स किया और कमरे से बाहर आया ,मेरे लिए सबसे ज्यादा जरूरी था अपनी बहनों की हिफाजत..

क्योकि मेरे दिमाग में मोहनी के वो आखरी शब्द गूंज रहे थे जिसके बाद मुझे बेहोश कर दिया गया,

“हमारी नजर तुम्हारे और तुम्हारी बहनों के ऊपर 24 घण्टे रहेगी..अगर हमे तुम्हारे किसी भी हरकत पर शक हुआ तो समझो ………”

मैं इतना सुनकर ही बेहोश हो गया था….

मुझे उसकी वो बाते अभी भी याद थी और जब तक की मैं काजल से बात नही कर लू आगे का निर्णय लेना मेरे लिए खतरनाक होने वाला था …….

मैं सीधे ही होटल के रिसेप्शन में पहुचा ,मुझे देखते ही रिसेप्शनिस्ट बोल पड़ी ..

“सर रश्मि मेडम ने आपको बुलाया है”

मैं चौका ...रश्मि ने मुझे सुबह ही जल्दी आने को कहा था,हे भगवान वो मेरे ऊपर चढ़ जाएगी ..मैं डरा हुआ सा भागता हुआ उसके केबिन में पहुचा ..

मुझे अब भी समझ नही आ रहा था की मैं उसे क्या जवाब दूंगा …

“मे आई कमिंग “

मुझे देखते ही उसके चहरे का भाव बदला ,गुस्सा करने की जगह वो मुस्कुराई ..

“आइये जनाब,लगता है रविवार का बुखार अभी तक नही उतरा है,तुमने तो यार हद ही कर दी “

“सॉरी वो कुछ ऐसे काम आ गए की मैं….”

“कोई बात नही जो तुमने अरेंजमेंट किया था उससे हमारे होटल को बहुत ही ज्यादा फायदा हुआ ,तो मैं तुम्हारी ये गलती माफ करती हु लेकिन पहली और आखरी बार ओके..यार अगर नही आ पाते तो कम से कम बता दिया करो ,यंहा भी कई काम होते है”

मैंने हा में सर हिलाया

“और ये चहरा इतना थका हुआ क्यो लग रहा है,और ये खून “

ओह यार ,मैंने चहरा धोया था लेकिन खून का रिसाव फिर से चालू हो गया था,असल में उन पहलवानों ने जो मेरी धुलाई की थी उसके कारण मेरे चहरे से खून निकलना शुरू हो गया था,वक्त ने इसे बंद तो कर दिया था लेकिन हल्का रिसाव और निशान अभी भी बाकी थे…

“वो कुछ नही ऐसे ही मजाक मजाक में बहन से लग गया “

“ओहो लगता है बहन भाई में बहुत ही प्यार है ..क्यो “

उसके चहरे में मुसकान आ गई लेकिन मैं कुछ भी नही बोला ..

“असल में मुझे तुमसे कुछ बात करनी थी देव “

मैं फिर से उसे देखने लगा ,अब ये इतनी सीरियस क्यो दिखाई दे रही थी ..

“मैंने तुम्हारे बातो पर बहुत गौर किया …...और मुझे लगा की मुझे भी खान साहब को वो देना चाहिए जो की काजल उसे दे रही है”

उसकी बात सुनकर मेरा दिल एक बारकी धक से हुआ ,

“क्या ??? यानी क्या देना चाहती हो तुम उसे “

मैं पूरी तरह से अनजान बनते हुए उससे कहा

उसके चहरे में बस एक मुस्कान आ गई ………….



कहानी अभी जारी है...

मिलते हैं कहानी के अगले भाग में....

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