कपूर साहब आज बहुत गुस्से में थे और मैं सर झुकाए खड़ा था।
'क्या कर रहे हो हो तुम,एक इतना बड़ा प्रोजेक्ट हाथ से चला गया। आखिर रवि क्यों नहीं माना तुमने तो उससे बात की थी न,
'सर मैं क्या कर सकता हूँ, उन्होंने ऑफ़र किया था की उन्हें लड़की चाहिए तभी वो बात को बढाएंगे और मैं कहाँ से लड़की लाता, पता नहीं खान साहब ने कहाँ से लड़की का जुगाड़ कर दिया...'कपूर साहब ने मुझे खा जाने वाली नजर से देखा
'अबे मादरचोद मुझे क्यों नहीं बोला वो साला खान अपनी मेनेजर को भेज दिया होगा .साले तेरी जगह मैं भी कोई लड़की ही रख लेता हूँ...'मैं फिर काजल के बारे में सोचकर अपसेट हो गया
'सर ऐसा नहीं है ,;तभी कमरे में कपूर साहब ही बेटी रश्मि आई
'पापा आप इसे क्यों डांट रहे हैं, मैं इससे बात करती हूँ ,तुम बाहर चलो ,,'मेरी तो फटी पड़ी थी मैं अपने को संभालता हुआ उसके पीछे चला गया वो उस रूम में पहुचीं जो उसके लिए रखा गया था,
'हम्म्म्म तो क्या नाम है तुम्हारा,'
'मेडम देव '
'हम्म्म मैनेजर साहब ,अब से पापा की बात मानने की जरुरत नहीं ही समझे, और वो काजल क्या लगती है तुम्हारी, 'काजल का नाम सुनकर मेरी फट के चार हो गयी,
'नहीं मेम कुछ नहीं 'रश्मि ने मुझे बड़े प्यार से देखा मैं नजर झुकाएये खड़ा था,
'साले मैं पापा नहीं हूँ ,और ये मत समझना की अजीम से मेरी शादी इसलिए टूटी क्योकि वो ऐयाश था ,असल में मैं भी उतनी ही ऐयाश हूँ पर बस मैं लड़की हूँ ना कोई चीज खुलके नहीं कर सकती ,अब बता क्या सम्बन्ध है तेरा और काजल का ,'मुझे समझ ही नहीं आ रहा था की मैं क्या बोलू,
'सुन बे देव मुझे नहीं पता की तुम दोनों के बीच क्या है पर मैं अब तेरी मालकिन हूँ और मुझे उन खान लोगों के होटल की वाट लगानी ही तू समझ जा ,बोल क्या प्लान है तेरे पास की सब ठीक हो जाये,'मैं फिर कुछ नहीं बोल पा रहा था ,वो मुझे गुस्से से देखी ,
'अच्छा सुन ,अब से अगर कोई कस्टमर तुम्हे बोले की रात का जुगाड़ है क्या तो क्या बोलोगे,'
मैं थोडा़ डरा हुआ था
'मेडम दारू या लड़की 'मेम के होठों पर मुस्कान आ गयी
'साले दोनों के बारे में पूछ रही हूँ,'
'मेडम दारू तो मिल जाएगी पर लड़की कहाँ से,...'मैं बोलते बोलते हुए रुक गया,'साले तेरे जैसे मैनेजर के कारण ही ये होटल घाटे में जा रहा है, दोनों में हां बोलना और मुझे बताना समझा ,'मैं थोड़ी देर आश्चर्य से उन्हें देखा फिर हां में सर हिलाया ,
'और तेरा जो भी है ,आजिम की उस रांड काजल के साथ उसे युस कर समझा थोड़ी ना तेरी बीवी है तेरे बहनों की दोस्त बस है ना 'अब तो सच में मेरी फट गयी मेरे आँखों से आंसू आने को थे पर मैंने बड़े मुस्किल से उन्हें संभाला और हां में सर हिलाया ये तो मैंने किशन को बताया था उसने कब इन्हें बता दिया पर सबसे सवाल ये था की क्या सच में काजल ऐसी है ?????कहानी जारी है...
मिलते हैं कहानी के अगले भाग में..

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रंडियों का घर
Romanceरिश्तों के जंजीरों मे बंधी एक ऐसी प्रेम कहानी जो रिश्तों के मायने ही बदल दे.... एक ऐसी ही अद्भुत प्रेम कहानी.... जिसमे संभोग तो है लेकिन हवस नाम की कोई चीज़ नही है... मै एक ऐसी erotic story आप सब के लिए लेकर आया हुँ... जो रिश्तों के मायने ही बदल दे...