भाग - 11

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आज भी मेरे आने पर काजल नही आयी हुई थी ,होटल का काम बहुत ही बढ़ता जा रहा था, हमे आगे के प्लान को एक्सीक्यूट करने में मेहनत करनी पड़ रही थी ,हमारे पास कई नए इडियास थे, जिनपर हम धीरे धीरे से अमल करते जा रहे थे, मैं घर पहुचते पहुचते बेहद थक जाया करता था, वो शारीरिक ही नही मानसिक थकान भी होती थी ,और काजल को घर में ना देखने से एक जलन सी होने लगती…….

मैं जानता था की उसे रोक पाना अब मेरे लिए मुश्किल है और मैं तो अब उसे रोकना भी नही चाहता था, मैंने उसे उसकी जिंदगी में आजाद छोड़ दिया था, मैं अपने पति का धर्म निभाने को तैयार था लेकिन उससे उसके पत्नी धर्म निभाने की आशा छोड़ ही दी थी…….

हम दोनो के बीच में प्यार तो अब भी था लेकिन कई दीवार खड़ी हो गई थी ,मैं उस दिन को कोसने लगा था जब मुझे काजल की असलियत का पता चला, ना ही मुझे असलियत का पता चलता और ना ही मैं दुखी होता, जिंदगी ऐसे ही चलती रहती…………

खैर अब मेरे घर में मुझे सुकून पहुंचाने के लिए मेरी दो प्यारी बहने भी तो थी, मेरे जाते ही वो मेरी सेवा में लग गई कोई मेरे जूते उतार रहा था तो कोई चाय लाकर दे रहा था...उन दोनो को देखकर ही मेरी सारी थकान दूर हो जाती थी…

मैं फ्रेश होकर खाना खाने बैठा था, आज तीनों ने साथ में ही खाना खाया, मैं जब सोने रूम में पहुचा तो कल की तरह ही निशा मेरे कमरे में आ गई, लेकिन आज उसके साथ पूर्वी भी थी…

मैं दोनो को ही आंखे फाड़े हुए देख रहा था, वो दोनो इतनी बड़ी हो गई थी और मुझे पता ही नही चला…….

दोनो के जिस्म में भराव आने लगे थे, निशा जंहा पूरी तरह से भर गई थी वंही पूर्वी के नए नए विकसित अंगों में मादकता भर रही थी…

दोनों के ही स्तनों की ऊँचाई अच्छी खासी हो चली थी और नितम्भो में भी भराव आने से उनकी चाल में एक मटक पैदा हो गई थी ,जंहा निशा ने आज भी वही नाइटी पहनी थी वही पूर्वी एक स्लेवलेस स्पोर्ट टीशर्ट में थी जो की डीप नेक भी था और उससे उसके उरोज पूरे तने हुए दिखाई दे रहे थे, वहीं वो नीचे एक छोटी सी निकर पहने हुए थी ,जो उसकी कमर के नीचे की गोलाइयों का भरपूर नजारा दिखा रही थी ……

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