होटल में घुसते ही मुझे रिसेप्शन में ही रवि दिखाई दिया (मेहता एंड सन्स होटल का मालिक) वो शबनम के साथ खड़ा हुआ था साथ ही ,एक अधेड़ आदमी और एक बहुत ही सुंदर सी लड़की भी खड़ी हुई थी…
“गुड मॉर्निंग सर “मैं रवि से मिलते हुए कहा ..
“गुड मॉर्निंग मिस्टर देव ..यार तुमने तो हमे कंगाल ही कर दिया, हमारी सबसे अच्छी बंदी को तुम अपने पास ले आये ”
उसने शबनम की तरफ इशारा किया और शबनम मुस्कुराने लगी..
“सर नथिंग पर्सनल इट जस्ट बिजनेस “
“वो सब तो ठिक है देव जी लेकिन एक बात तो है रश्मि इस होटल को बहुत आगे लेके जाएगी, जंहा तुम जैसा मैनेजर हो और शबनम जैसी HR उसे कौन रोक सकता है..”
“थैंक यु सर “
मैंने सोचा नही था की रवि मुझसे इतने प्यार से बात करेगा ..
“हम्म और इनसे मिलो ये है डॉ चुतिया ,और ये आई इनकी सेकेट्री मिस मेरी मारलो “
उन्होंने उस अधेड़ और उस खूबसूरत लड़की की ओर इशारा करते हुए बोले ..मैं उनकी बात से चौक ही गया, किसी का नाम चुतिया कैसे हो सकता है..और मेरी मारलो ...
“हैल्लो सर “
“हैल्लो ,यार मुझे तुम्हारे होटल में एक कमरा चाहिए ..एक डबल बेडरूम, और नंबर हो 123 …”
मैं कभी रवि को देखता तो कभी उस शख्स को. ....रवि अपने होटल में ना लेजाकर उसे मेरे होटल में क्यों ले आया था..
“ओक्के सर पर ये 123 में कोई खास बात है क्या ..मतलब कोई दूसरा रूम मिले तो ,”
साला ठरकी था, एक ही बेडरूम चाहिए था उसे अपने और अपनी सेकेट्री के लिए
“हाँ मेरा लक्की नंबर है इसलिए...रवि के होटल में वो नंबर खाली नही था तो मैं यंहा चला आया “
रवि ने खुद इसे यंहा तक छोड़ा था तो ये कोई आम आदमी तो होगा नही ,मेरे दिमाग में कई बातें एक साथ चल गई
“ओके सर ओके ..मैं अभी देखता हु “
मैं तुरंत ही काउंटर में जाकर 123 को बुक करने को कहा और साथ ही उनका सभी समान उनके कमरे में पहुँचवा दिया, आश्चर्य था की समान के नाम पर उनके पास कुछ भी नही था, केवल एक बेग …
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रंडियों का घर
Romanceरिश्तों के जंजीरों मे बंधी एक ऐसी प्रेम कहानी जो रिश्तों के मायने ही बदल दे.... एक ऐसी ही अद्भुत प्रेम कहानी.... जिसमे संभोग तो है लेकिन हवस नाम की कोई चीज़ नही है... मै एक ऐसी erotic story आप सब के लिए लेकर आया हुँ... जो रिश्तों के मायने ही बदल दे...