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पलके बिछाएं या तुझे पलकों पे बिठाएं
तू ही बता कैसा सलूक फरमाएंशरम से हारे अपनी नजरें झुका लें
या नजरें उठाएं, तुझे जी भर निहारेंतेरे साथ खामोशी के चंद लम्हें बिताएं
या अगले पिछले सारे फसाने सुनाएंतसव्वुर की कहानियां सब ख्वाब बताएं
या दिल में दबे सारे राज बताएंमुसलसल सवालों का हमें जवाब बताए
खत्म करके इंतजार अगर तू मिलने आए
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तसव्वुर (Urdu Poetry)
Poetryकिस गुल से हुस्न टपकता है किस खुश्ब की रवानी रहती है तेरे नर्म होंठो की अरक हर गुलशन की कहानी कहती है ........ (जब सहबा ए कुहन....) और जबसे सुना है उनके खयालात हमारी कब्र को लेकर जनाब! हमें तो अब मरने से भी मोहब्बत हो गई ...... (मोहब्बत हो गई...) इ...