ये महर ओ मह.....

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ये महर-ओ-मह-ओ-नुजुम सब तुम्हारे लिए
बता तूने क्या किया हमारे लिए?

ये बाग-ओ-बगीचे, ये घर-ओ-दरीचे
ये जमीं-ओ-अंबर, ये दरिया-ओ-समंदर

महफिलों का हर शोर हर हुजूम सब तुम्हारे लिए
बता तूने क्या किया हमारे लिए?

गुल्सितान-ए-शफक, हर गुल की अरक
चीनी की रमक पे चांदी का वरक

शबनमी रूतों का हर सुकून सब तुम्हारे लिए
बता तूने क्या किया हमारे लिए?

ये रविश-ए-इश्क ओ सहुर-ए-मोहब्बत
मेरे इश्क की इबारत की ना दास्तां-ए-हद

कायनात की हर खुशी हर तबस्सुम तुम्हारे लिए
बता तूने क्या किया हमारे लिए

तसव्वुर (Urdu Poetry)जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें