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तू चांद है और मैं ज़मीं
जहां तेरी रौशनी तो है पर तू नहींज़हर और भी होंगे इस जहां में मोहब्बत के सिवा
इतनी मोहब्बत से ये ज़हर कोई पिलाए तो सहीयूं ही बदनाम कर रखा है कांटों को इस जमाने ने
जान आशिक़ों की तो इन गुलाबों ने ले रखीतलाश कर हर शहर जब सुकून ना मिले
लौट आना अपने शहर, फिर वही पुरानी गलीसुना है पत्थरों सा दिल कभी टूटता नहीं
मैं सोचती हूं की उन पत्थरों की हद क्या रही?
Aria
I've been writing for almost one year now but this is the poem, after writing it I felt Yes I wrote something. I hope you can understand meaning behind these few lines💕💕
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तसव्वुर (Urdu Poetry)
Poetryकिस गुल से हुस्न टपकता है किस खुश्ब की रवानी रहती है तेरे नर्म होंठो की अरक हर गुलशन की कहानी कहती है ........ (जब सहबा ए कुहन....) और जबसे सुना है उनके खयालात हमारी कब्र को लेकर जनाब! हमें तो अब मरने से भी मोहब्बत हो गई ...... (मोहब्बत हो गई...) इ...