नज़र मिली....

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नज़र मिली तो नज़रें फेर ली उसने
मेरी उल्फ़त भुलाने में ना देर ली उसने

तलब है उसकी निगाहों का, अदाओं का मुझे
न जाने कैसे फ़साने में मुझे घेर ली उसने

है असर जाम का या इश्क़ का इस लम्हें में
मेरी आंख बहाने में ना दे ली उसने

इन हवाओं का फ़िज़ाओं का सितम भी हम पे
उसकी याद जगाने में ना देर ली उसने

रहम इस इश्क़ का होगा कभी हम पर भी
ये यक़ीन भी चुराने में ना देर ली उसने

Aria

तसव्वुर (Urdu Poetry)जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें