@@@@@@@नज़र मिली तो नज़रें फेर ली उसने
मेरी उल्फ़त भुलाने में ना देर ली उसनेतलब है उसकी निगाहों का, अदाओं का मुझे
न जाने कैसे फ़साने में मुझे घेर ली उसनेहै असर जाम का या इश्क़ का इस लम्हें में
मेरी आंख बहाने में ना दे ली उसनेइन हवाओं का फ़िज़ाओं का सितम भी हम पे
उसकी याद जगाने में ना देर ली उसनेरहम इस इश्क़ का होगा कभी हम पर भी
ये यक़ीन भी चुराने में ना देर ली उसनेAria
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तसव्वुर (Urdu Poetry)
Поэзияकिस गुल से हुस्न टपकता है किस खुश्ब की रवानी रहती है तेरे नर्म होंठो की अरक हर गुलशन की कहानी कहती है ........ (जब सहबा ए कुहन....) और जबसे सुना है उनके खयालात हमारी कब्र को लेकर जनाब! हमें तो अब मरने से भी मोहब्बत हो गई ...... (मोहब्बत हो गई...) इ...