क्या करें?

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दिल्लगी ना थी, इश्क़ था हमारा, उन्होनें समझा ही नहीं, फिर हम क्या करें?

हमने कहा नहीं, वो सुन ना सके, जमाना जान गया, फिर हम क्या करें?

वो जा रहे थे, हमने रोका नहीं, वो रुके भी नहीं, फिर हम क्या करें?

हम तन्हाई में रोएं, अंधेरी रातों में वो रोएं या नहीं, हमें क्या खबर?

आसमां गवाह है, गवाह हैं ये सितारें, मेरा महताब बदल गया, फिर हम क्या करें?

Aria

तसव्वुर (Urdu Poetry)जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें