Chal mere ess Ishq ko asraar rakhte hain
Ek tarfa ye mohabbat ham yaar rakhte hainHo mayassar ek tabassum tere lab pe bas mujhe
Us sahar ka har sahar, intezaar rakhte hainHo sake jab tak tahammul, waqt chalne de
Phir zara aur phir zara qirdar rakhte hainKya sitam ham par dhale ab Ishq ke bhi baad
Jo raat bhar rangeen ye absaar rakhte hainNa kah sake na rah sake, aazaar ye kuchh Kam nhi
Qaid mein ye dil, nigaahen ashkaar rakhte hainचल मेरे इस इश्क़ को असरार रखते हैं
एक तरफा ये मोहब्बत हम यार रखते हैंहो मयस्सर एक तबस्सुम तेरे लब पे बस मुझे
उस सहर का हर सहर इंतज़ार रखते हैंहो सके जब तक तहम्मूल, वक़्त चलने दे
फिर ज़रा और फिर ज़रा क़िरदार रखते हैंक्या सितम हम पर ढले अब इश्क़ के भी बाद
जो रात भर रंगीन ये अब्सार रखते हैंना कह सके ना रह सके, आज़ार ये कुछ काम नहीं
क़ैद में ये दिल, निगाहें आशकार रखते हैंAria
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असरार- secret
मयस्सर- available
तबस्सुम- smile
लब- lips
सहर- dawn
इंतज़ार- wait
तहम्मुल- endure
क़िरदार- character
रंगीन- colourful
अब्सार- eyes
रंगीन अब्सार- colourful eyes(red eyes)
आज़ार- pain, illness
क़ैद- prisoned
आशकार- clear from doubts, free
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तसव्वुर (Urdu Poetry)
Poetryकिस गुल से हुस्न टपकता है किस खुश्ब की रवानी रहती है तेरे नर्म होंठो की अरक हर गुलशन की कहानी कहती है ........ (जब सहबा ए कुहन....) और जबसे सुना है उनके खयालात हमारी कब्र को लेकर जनाब! हमें तो अब मरने से भी मोहब्बत हो गई ...... (मोहब्बत हो गई...) इ...