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तार-तार करके हमको ऐसे कर गए
तेरे बाद ऐ सनम हम तो मर गए
तेरे बाद रात मेरी रात ना रही
तेरे ख़्वाब दिल पे मेरे घाव कर गए
धीमी-धीमी सांस मेरी बंद ना हो जाये
दिल की धड़कनों पे तो तुम क्या ही कर गये
चांद रात से जो मेरी चांदनी छीनी
मेरे चांद पे हज़ार दाग कर गए
हुआ था इश्क़ हमको जो अब इश्क़ ना रहा
ख़ाके ज़ख्म इस भंवर से हम संवर गए
हुई ख़बर जो दिल की तेरे तो पता चला
तार-तार होके तो हम ऐसे तर गएAria
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तसव्वुर (Urdu Poetry)
Poetryकिस गुल से हुस्न टपकता है किस खुश्ब की रवानी रहती है तेरे नर्म होंठो की अरक हर गुलशन की कहानी कहती है ........ (जब सहबा ए कुहन....) और जबसे सुना है उनके खयालात हमारी कब्र को लेकर जनाब! हमें तो अब मरने से भी मोहब्बत हो गई ...... (मोहब्बत हो गई...) इ...