tu phir mile

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इस्तिहारा करूं, इस्तिखारा करूं
तू फिर मिले तो मैं इश्क दोबारा करूं

ना तल्खियां कसूं ना बहाना करूं
तुझे पाकर मैं रब का शुकराना करूं

फलसफें पढ़ूं या फसाना गढ़ूं
तुझे पाने की खातिर मैं क्या क्या करूं?

क्या तवस्सुर करूं क्या इशारा करूं?
तू रखे शर्तें तो रोज़े रोजाना करूं

सारे ज़माने से सरासर किनारा करूं
तू फिर मिले तो मैं इश्क दोबारा करूं

Quoted by-- Aria

तसव्वुर (Urdu Poetry)जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें