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तेरी आंख भी फिर कहानी कहेगी
ना राजा रहेगा ना रानी रहेगीगगन के सितारे भी आहे भरेंगे
तेरे इश्क़ के ये कसीदे पढ़ेंगेनज़र की हिमाक़त का अंजाम होगा
नज़र के दीवानों का भी नाम होगानज़र पे तड़प कर को अब बर्क़ कड़के
नज़र पे सितम का को अब अब्र बरसेरिवायत ना होगी अब फिर नज़र पर
किया ज़ुर्म इसने जो दिल पे असर करदिल का सलीका भी कुछ कम नहीं
इसकी तड़प का भी गम नहींकशिश भी है उनपे जो ज़द में नहीं
दिल ये हमारा के हद में नहींआंखों में आंसू, वजह? इश्क़ है
दिल ये दुखा क्यूं? वजह? इश्क़ हैआंखों के सपने, बिखर सब गयें
दिल में थे अपने, बिछड़ सब गयेंये सब हुआ क्यूं? वजह? इश्क़ है
दिल ये गुमा क्यूं? वजह? इश्क़ हैइश्क़ पर सवालों की लंबी कतार
दिल तू ही बता, क्या तेरा किरदार?क्या तुझे भी शिक़ायत है इश्क़ से?
या मरना है फिर भी तुझे इश्क़ में?Aria
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तसव्वुर (Urdu Poetry)
Поэзияकिस गुल से हुस्न टपकता है किस खुश्ब की रवानी रहती है तेरे नर्म होंठो की अरक हर गुलशन की कहानी कहती है ........ (जब सहबा ए कुहन....) और जबसे सुना है उनके खयालात हमारी कब्र को लेकर जनाब! हमें तो अब मरने से भी मोहब्बत हो गई ...... (मोहब्बत हो गई...) इ...