बस इतनी सी

245 10 2
                                    

~~~~~~~~~~

बस इतनी सी इल्तिज़ा है ख़ुदा से,
जो तुझे मिले वो हम बने

तुझे गम मिले, हम गम बने
हर ख़ुशी हर सितम बने

तेरे शहर बने, तेरे शाम बने
तुझे हो नशा हम ज़ाम बने

तेरे तालीम की हम कलाम बने
तेरे भीड़ की हर आवाम बने

तेरे दर्दों का हम बाम बने
तेरी झुके निगाह हम सलाम बने

तेरी हर खुशी का हम दाम बने
तू तआ'रूफ दे, हम नाम बने

जो तुझे मिले वो हम बने....

Aria

तआ'रूफ(Introduction)

कलाम (script)

तसव्वुर (Urdu Poetry)जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें