मज़ाक

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ये सारी दुनिया ही एक मज़ाक है।
मज़ाक है तो ये सारी दुनिया है।।
यदि मज़ाक ना होता तो हम न होते।
यदि हम न होते तो ये मज़ाक ना होता।

क्या बताऊँ, क्या है ये मज़ाक?
ये सारा जहाँ एक मज़ाक है ;
ये सारे धर्म मज़ाक हैं,
ये रात अँधेरा मज़ाक है,
ये सुबह सवेरा मज़ाक है,
मज़ाक है तो हम हैं,
मज़ाक है तो तुम हो ।

हम भी बने मज़ाक से
तुम भी बने मज़ाक से
मज़ाक से ही बना से सारा जहाँ है।

तो समझो क्या मज़ाक है
मज़ाक ही तो दुनिया है।
मज़ाक ही वो खुशी है,
जो जीवन को पल बनाती है,
मज़ाक ही वो दुःख है,
जो पल को जीवन बनाती है।

मज़ाक से ही ये ब्रह्मांड बना।
मज़ाक से ही एक दिन,
ये ब्रह्मांड भी नष्ट हो जाएगा
ये सारी दुनिया ही एक मज़ाक है ॥

लक्ष्य

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