उन्होने उस रूम को किराए पर लिया 400 रुपये एड्वान्स में दे दिए। उनके पास अब 1300रुपये बचे थे। कमरे की हालत बहुत खराब थी,उसे देख कर आयशा को बहुत अफ़सोस हो रहा था की उसने घर क्यों छोड़ा ? उसने कभी नही सोचा था की उसे शादी के बाद इस तरह से ऐसे घर में रहना होगा। उसने तो ये भी नही सोचा था की उसे इस तरह से शादी करनी पड़ेगी।
उस घर में एक ही कमरा था और उसी से जुड़ा बाथरूम जिसका दरवाजा खराब हालत में था। ना तो पानी की कोई व्यवस्था थी ना ही बिजली की।
“आप बाजार से झाड़ू ले आओ,”आयशा ने कहा।
“और कुछ लाना है,”विनय ने पूछा।
“अभी सिर्फ़ झाड़ू लाओ,बाकी बाद में,”आयशा ने कहा।
विनय एक घंटे बाद झाड़ू और थोड़ा खाना ले आया। दोनो ने खाना खाया। आयशा ने पूरे कमरे को अच्छे से साफ किया। उनके पास बिछाने के लिए भी कुछ नही था इसलिए वो ऐसे ही फर्श पर बैठ गये।
“तुमने घर क्यों छोड़ा था?”विनय ने पूछा ।
“मेरा इरादा घर छोड़ने का नही था,मैं तो अपनी बुआ से नाराज़ थी। मैंने सोचा था की मैं अपनी किसी दोस्त के घर रुक जाऊँगी और जब बुआ घर से चली जाएँगी तभी घर जाऊँगी,पर पता नही कैसे मैं तुम्हारे पास चली आई? लेकिन आप ने मेरे लिए घर क्यों छोड़ दिया?”आयशा ने कहा।
“क्योंकि तुम बहुत ही मासूम और पागल हो और अगर मैं तुम्हारा साथ नही देता तो तुम कुछ भी कर सकती थी,किसी के साथ कहीं भी जा सकती थी। तुम ग़लत सही कुछ नही सोचती हो। तुमने मुझे खुद को इस तरह से सौंप दिया था जैसे की तुम कोई खिलौना हो,”विनय ने कहा।
“सिर्फ़ मासूम हूँ,सुंदर नही हूँ,”आयशा ने मज़ाक में पूछा।
“बहुत ज़्यादा सुंदर हो,”विनय ने कहा।
“आयशा हँस दी और हँसते-हँसते उसकी आँखें नम हो गयी,वो रोने लगी।”
“मैंने तुम्हारी भी जिंदगी बर्बाद कर दी,”आयशा ने कहा।
“नही……,तुम अपने आप को दोष मत दो इसमें तुम्हारी कोई ग़लती नही है। और तुम ऐसा क्यों सोचती हो की हम बर्बाद हो गये हैं। अभी पूरी जिंदगी बाकी है कुछ तो करेंगे ही,”विनय ने कहा।
आयशा ने अपना सिर विनय के कंधे पर रख दिया और विनय के एक हाथ को कसकर पकड़ लिया। विनय ने कुछ नही कहा और आयशा इसी तरह रोती रही।
“आयशा…,मैंने तुम्हारे लिए अपना घर छोड़ा है,तुम मुझसे वादा करो की तुम कभी भी मुझे छोड़ कर नही जाओगी,”विनय ने कहा।
“कभी नही, मैं आपका साथ कभी नही छोड़ूँगी,” आयशा ने कहा।
रात के 1 बज गये थे कुछ देर वो इसीतरह से बातें करते रहें और फिर आयशा उठी और अपना दुपट्टा फर्श पर बिछा दिया।
“आप इस दुपट्टे पर सो जाइए,”आयशा ने कहा।
तुम उस पर सो जाओ मैं ऐसे ही ठीक हूँ। विनय ने कहा और वो फर्श पर ही सो गया,आयशा कुछ देर सोचती रही फिर वो उस दुपट्टे पर सो गयी।
आप पढ़ रहे हैं
दूरियाँ (Dooriyan) #wattys2017
Romanceकुछ हो ना हो पर रिश्तों को निभाने के लिए जिन्दगी में प्यार होना ज़रूरी है। पर क्या सच में? अगर ऐसा है तो फिर आज प्यार से जोड़े गये रिश्ते क्यों टूटते हैं?क्यों अधिकतर लोग नयी उम्र में जिससे प्यार करते हैं, शादी के बाद उससे रिश्ता तोड़ लेते हैं?