Untitled Part 26

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एक  दिन  विनय  लैपटॉप  चला  रहा  था  कि  किसी  ने  दरवाजा  खटखटाया  दिन  के  1बज  रहे  थे। विनय  ने  दरवाजा  खोला  तो  देखा  की  अंकिता  थी। विनय  ने  उसे  अंदर  आने  को  कहा  तो  वो  अंदर  आ  गयी।

“तुम  आज  ऑफिस  नही  गयी,” विनय  ने  अंकिता  को  पानी  देते  हुए  कहा।

“आज  ऑफिस  बंद  है,” अंकिता  ने  कहा।

“आयशा  तो  गयी  है,” विनय  ने  कहा।

“विनय  तुम्हे  पता  नही  आयशा  कहाँ  है?”

“नही,मैंने  सोचा  ऑफिस  जा  रही  होगी  इसलिए  नही  पूछा,”विनय  ने  कहा।

“आयशा,समीर  के  साथ  है। वो  हर  रोज़  समीर  से  मिलती  है,उसके  साथ  होटल,बार  ……… जाती  है। वो  तुम्हे  धोखा  दे  रही  है। वो  घर  से  सूट  में  निकलती  है  और  बाहर  वेस्टर्न  ड्रेस  में  दिखती  है। तुम  उस  पर  ध्यान  क्यों  नही  देते  हो?उसका  समीर  की  तरफ  लगाव  का  कारण  शायद  तुम्हारा  रूखा  व्यवहार  है। तुम  कुछ  करते  क्यों  नही?घर  बैठे  आयशा  की  कमाई  खा  रहे  हो। उसे  समीर  से  वो  सब  कुछ  मिल  रहा  जो  वो  चाहती  है  और  तुमसे  उसे  कुछ  भी  नही  मिलता। मुझसे  ये  मत  कहना  की  समीर  सिर्फ़  आयशा  का  दोस्त  है  और  कुछ  नही। आयशा  ने  मुझसे  कहा  है  की  समीर  ठीक  वैसा  है  जैसा  पति  वो  चाहती  थी,उसमें  वो  सारी  खूबियाँ  हैं  जो  वो  अपने  पति  में  चाहती  थी। अगर  तुम  दोनों  एक-दूसरे  के  साथ  खुश  नही  हो  तो  ये  रिश्ता  ख़त्म  कर  दो। इस  तरह  से  एक-दूसरे  की  जिंदगी  बर्बाद  ना  करो………विनय  जॉब  नही  कर  रहे  तो  कम  से  कम  अपनी  पत्नी  को  संभालना  ही  सीख  लो। सिर्फ़  अच्छाई  से  जिंदगी  नही  जी  जाती,कुछ  करना  भी  होता  है,इस  तरह  से  घर  बैठे  नही  रहा  जाता। तुम  अब  पूरी  तरह  से  ठीक  हो  गये  हो………,” अंकिता  ने  कहा  और  पानी  बिना  पिए  ही  उठकर  चली  गयी।

दूरियाँ (Dooriyan) #wattys2017जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें