Untitled Part 33

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शाम  को  विनय  के  घर  उसके  घर  वाले,  अंकिता  और  आयशा  के  मम्मी-पापा  आए  वो  विनय  को  समझा  रहे  थे,उसे  दिलासा  दे  रहे  थे।

“विनय,मैंने  तुमसे  पहले  ही  कहा  था  की  आयशा  को  संभाल  लो  नही  तो……………। वो  समीर  के  साथ  ही  होगी,”अंकिता  ने  कहा।

“नही  वो  ऐसी  नही  है,” विनय  ने  कहा।

“क्या  ऐसी  नही  है,विनय?तुम्हे  छोड़  कर  चली  गयी  है  और  तुम……,” विनय  की  माँ  ने  कहा।

“पहले  ही  कहा  था  तुमसे  की  वो  अच्छी  लड़की  नही  है,ऐसी  लड़की  सिर्फ़  घर  बर्बाद  करती  हैं  आबाद  नही,” विनय  की  भाभी  ने  कहा।

आयशा  के  बारे  में  इस  तरह  की  बाते  सुनकर  आयशा  के  मम्मी-पापा  का  चेहरा  शर्म  से  झुक  गया  पर  वो  कह  भी  क्या  सकते  थे?  समीर  और  आयशा  के  बारे  में  उनकी  खुद  की  सोच  यही  थी।

“विनय,हमें  माफ़  करना  मेरी  बेटी  की  वजह  से  तुम्हें  इतने  दुख  उठाने  पड़  रहे  हैं  पर  अब  तुम  उसका  इंतज़ार  मत  करो  और  अपने  घर  वापस  लौट  जाओ  अगर  वापस  आती  है  तो  उसे  छोड़  देना,तलाक़  दे  देना,” आयशा  की  माँ  ने  कहा।

“आयशा  चरित्रहीन  है  विनय,पहले  उसने  घर  छोड़ा  और  आज  पति,  क्या  पता  अभी  और  कितनो  को  ………,” अंकिता  ने  कहा।

विनय  के  पास  उनकी  किसी  बात  का  कोई  जवाब  नही  था  एक  बार  आयशा  वापस  आ  जाती  तो  सब  को  जवाब  दे  देता।

“जो  लड़की  किसी  और  लड़के  को  प्यार  करती  है  तुमने  उसके  लिए  अपना  घर  छोड़  दिया,हम  सब  से  तुमने  ऐसी  गिरी  हुई  लड़की  के  लिए  रिश्ते  तोड़  लिए,” विनय  के  पापा  ने  कहा।

किसी  को  आयशा  की  कोई  परवाह  नही  थी  बस  सब  के  सब  उस  पर  आरोप  लगाते  जा  रहे  थे। ऐसा  जैसे  समाज  का  नियम  है  अगर  कोई  लड़की  एक  दिन  घर  ना  आए  तो  सब  के  सब  तरह-  तरह  की  बातें  करेंगे  कोई  भी  यह  नही  सोचता  की  शायद  वो  कहीं  किसी  मुसीबत  में  ना  हो।

“वो  समीर  से  प्यार  नही  करती  है  ना  ही  वो  चरित्रहीन  है,”विनय  ने  कहा।

“कब  तक  इस  झूठे  विश्वास  के  साथ  जियोगे?मैं  उसकी  दोस्त  हूँ  मैंने  उसे  बहुत  करीब  से  जाना  है  वो  सिर्फ़  समीर  को  प्यार  करती  है,तुमसे  नही,” अंकिता  ने  कहा।

विनय  कुछ  नही  कह  सका।

बहुत  देर  तक  सब  आयशा  के  बारे  में  बात  करते  रहे  फिर  सब  अपने-अपने  घर  चले  गये। विनय  की  माँ  ने  उसे  साथ  चलने  के  लिए  कहा  पर  उसने  मना  कर  दिया।

दूरियाँ (Dooriyan) #wattys2017जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें