जब वो सोने लगे तो आयशा ने विनय को छेड़ते हुए उससे पूछा-“वैशाली कौन है?”
“कौन वैशाली?”विनय ने आश्चर्य से आयशा की ओर देखते हुए कहा।
आयशा विनय के बहुत पास आ गयी और उससे बोली-“वही जिसे तुम हर रोज़ फ़ेसबुक पर सर्च करते हो। ”विनय का तो जैसे खून जम गया उससे कुछ भी बोला नही गया।
“मैंने तुम्हारी सर्च हिस्ट्री देखी थी,” आयशा ने कहा।
“वैशाली मेरी दोस्त थी,और कुछ नही,” विनय ने कहा और अपनी आँखें बंद करके सोने लगा।
आयशा ने विनय का मुँह अपने हाथों से अपनी ओर कर दिया ओर उसकी आँख खोलते हुए बोली-“मुझे सब कुछ बताओ अपने और उसके बारे में। ”
“कोई नही है,” विनय ने दबाव देते हुए कहा।
“सच बताओ……। नही तो कभी बात नही करूँगी।”
“ना करो……।”
“बताओ….. सब कुछ।”
“वैशाली मेरे साथ पढ़ती थी,मैं उसे प्यार करता हूँ तब से जब मैं 11साल का था और 7 में पढ़ता था। वो बहुत सुंदर है,वो सिर्फ़ मुझसे ही बात करती थी और किसी लड़के से नही अगर मैं किसी लड़की से बात करता था वो चिढ़ जाती थी। जब वो हँसती थी तो उस समय वो मुझे बहुत सुंदर लगती थी लेकिन मुझे उससे कहने में बहुत डर लगता था क्यों कि वो सख़्त है और इस तरह की बातें उसे पसंद नही है। मैं उससे कभी कह नही पाया की मैं उससे प्यार करता हूँ पर स्कूल छोड़ने से पहले मैंने किसी से उस तक बात पहुँचा दी पर उसने साफ मना कर दिया। स्कूल छूटने के बाद हम कभी नही मिले। इसलिए उसे फ़ेसबुक पर सर्च करता हूँ,” विनय ने कहा।
“आज भी उससे उतना ही प्यार करते हो,” आयशा ने पूछा।
“मालूम नही………शायद हाँ,” विनय ने कहा।
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दूरियाँ (Dooriyan) #wattys2017
Romanceकुछ हो ना हो पर रिश्तों को निभाने के लिए जिन्दगी में प्यार होना ज़रूरी है। पर क्या सच में? अगर ऐसा है तो फिर आज प्यार से जोड़े गये रिश्ते क्यों टूटते हैं?क्यों अधिकतर लोग नयी उम्र में जिससे प्यार करते हैं, शादी के बाद उससे रिश्ता तोड़ लेते हैं?