Untitled Part 30

2.6K 97 29
                                    

“आयशा,अगर  तुम  विनय  के  साथ  खुश  नही  हो  तो  उसे  तलाक़  दे  दो,तुम  समीर  के  साथ  ज़्यादा  खुश  हो,समीर  से  शादी  कर  लो। जबरजस्तीअपने  रिश्ते  को  मत  खीचों,”आयशा  की  मम्मी  ने  आयशा  से  कहा।

आयशा  कुछ  नही  बोली,उसने  हसते  हुए  बात  को  टाल  दिया। समीर  ने  उसे  डाइमंड  नेक्लेस  गिफ्ट  किया।

आयशा  रात  9बजे  घर  पहुँची,विनय  घर  जल्दी  आ  गया  था।

“तुम  आज  घर  जल्दी  आ  गये,”आयशा  ने  पूछा।

“काम  थोड़ा  कम  था  इसलिए,” विनय  ने  कहा।

आयशा  विनय  के  बगल  बैठ  गयी,उसे  पूरे  दिन  की  कहानी  सुनाने  लगी,विनय  उसकी  हर  एक  बात  को  मुस्कुराते  हुए  सुन  रहा  था। कुछ  देर  बाद  उसने  आयशा  को  एक  सोने  की  अंगूठी  दी।

“आज  मुझे  समीर  ने  डाइमंड  नेक्लेस  दिया,  2-3 लाख  का  होगा  पर  मैंने  उसे  नही  लिया  इतना  महँगा  गिफ्ट  मुझे  लेना  ठीक  नही  लगा,” आयशा  ने  अंगूठी  पकड़ते  हुए  कहा।

“क्यों?”

“वो  मुझे  दिखाना  चाहता  था  की  वो  कितना  अमीर  है  इसलिए  मैंने  नही  लिया  पर  सुंदर  बहुत  था,”आयशा  ने  कहा।

विनय  कुछ  नही  बोला। आयशा  ने  अँगूठी  देखते  हुए  कहा-“तुम्हारे  पास  इतने  पैसे  थे,…………। क्या  किसी  से  उधार  लिए  हैं?”विनय  कुछ  नही  बोला  तो  उसने  अपनी  पर्स  से  कुछ  रुपये  निकाल  कर  विनय  को  दे  दिए। विनय  ने  रुपयों  की  ओर  देखा  भी  नही  वो  ऐसे  ही  बिस्तर  पर  पड़े  रहे।

“इतना  खर्च  करने  की  क्या  ज़रूरत  थी,अभी  तो  तुमने  कमाना  शुरू  ही  किया  है  और  अभी  से………,” आयशा  ने  कहा।

विनय  फिर  भी  कुछ  नही  बोला।

“मम्मी,कह  रही  थी  कि  मुझे  समीर  से  शादी  कर  लेनी  चाहिए,मैं  उसके  साथ  ज़्यादा  खुश  हूँ,” आयशा  ने  कहा।

“कर  लो।”

“नही  करनी,” आयशा  ने  हँसते  हुए  कहा।

“क्यों?”

“नही  करनी  बस  इसलिए  नही  करनी।”

विनय  ने  रुपये  उठा  कर  वापस  उसे  पकड़ा  दिए, पर  आयशा  ने  वापस  लेने  से  मना  कर  दिया।

“मुझे  इन  रुपयों  की  कोई  ज़रूरत  नही  है। क्या  तुम  समझती  हो  कि  मैं  तुम्हे  एक  गिफ्ट  भी  खरीद  कर  नही  दे  सकता?”विनय  ने  कहा।

“मैं  तुम्हे  नीचा  नही  दिखा  रही,विनय,मैं  इतना  कहना  चाहती  हूँ  कि  तुम्हारा  हर  गिफ्ट  मेरे  लिए  खास  है  तुम्हें  मुझे  खुश  करने  के  लिए  समीर  की  तरह  दिखावा  करने  की  ज़रूरत  नही  है,” आयशा  ने  कहा।

विनय  कुछ  नही  बोला,वो  बिस्तर  से  उठा  और  मेज  से  केक  उठा  कर  उसके  सामने  रख  दिया। उसने  आयशा  का  बर्थडे  बहुत  अच्छे  से  मनाया। घंटों  वो  दोनों  मस्ती  करते  रहे। आयशा  खुश  थी  कि  विनय  ने  उसका  इतना  ख्याल  रखा,उसे  तो  उम्मीद  भी  नही  थी  कि  विनय  ऐसा  कुछ  भी  करेगा। आयशा  के  साथ  रहते-रहते  विनय  भी  थोड़ा  चंचल  हो  गया  था।

दूरियाँ (Dooriyan) #wattys2017जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें