Untitled Part 2

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“रुकिये,मुझे  आप  से  कुछ  बात  करनी  है,”उसने  आयशा  को  रोकते  हुए  कहा।

आयशा  रुक  जाती है,तो  उसने  उससे  अकेले  में  बात  करने  की  बात  कही,आयशा  ना  चाहते  हुए  भी  सब  के  कहने  पर  उससे  बात  करने  के  लिए  तैयार  हो  गयी।

“तुम  इतनी  सुंदर  हो,तुम्हारे  पीछे  लड़के  तो  ज़रूर  पड़े  होंगे,”उसने  पूछा।

“हाँ,बहुत  पीछे  पड़े  रहते  थे  पर  मैं  इन  सब  पर  ध्यान  नही  देती,”आयशा  ने  कहा।

“तुम्हारा  किसी  के  साथ  कोई  चक्कर  नही  है।”

“नही,प्लीज़  आप  मुझसे  कुछ  और  बात  करिये………………मुझे  इस  तरह  की  कोई  बात  नही  पसंद  है।”

“किसी  लड़के  से  कोई  रिश्ता  तो  नही  है  तुम्हारा………।”

“मतलब……? मुझे  कुछ  समझ  नही  आया।”

“किसी  लड़के  के  साथ  कभी  कुछ  किया………………खुद  समझ  सकती  हो।”

“मैंने  कहा  ना  मैं  ऐसी  लड़की  नही  हूँ  …………। अभी  हमारी  शादी  नही  हुई  है  जो  आप  मुझसे  ऐसे  सवाल  पूछ  रहे  हैं,”आयशा  ने  कहा।

“फिर  भी  इतनी  ज़्यादा  सुंदर  हो  कोई  तो  होगा………,”उसने  कहा।

“आप  यहाँ  से  तुरन्त  चले  जाईए  और  हो  सके  तो  पहले  किसी  लड़की  से  बात  करने  की  तमीज़  सीख  लीजिए,”आयशा  ने  कहा  और  तुरन्त  अपनी  माँ  के  पास  आई,बोली-“मम्मी,इन  सब  को  तुरन्त  यहाँ  से  जाने  को  कह  दो।”

और  उसने  उनको  घर  से  भगा  दिया। उनके  जाने  के  बाद  सब  आयशा  को  डाँटने  लगे  कि  उसने  उन्हें  इस  तरह  से  क्यों  भगा  दिया  अगर  उसे  शादी  नही  करनी  थी  तो  वो  बाद  में  भी  मना  कर  सकती  थी।

उस  दिन  ज़िंदगी  को  कुछ  और  ही  मंजूर  था,तभी  तो  हमेशा  आयशा  का  पक्ष  लेने  वाली  उसकी  माँ भी  उसके  खिलाफ  थी  और  आयशा  भी  लड़ने  को  तैयार  थी।

“मम्मी,वो  बहुत  बुरा  है  और  मुझे  अभी  शादी  भी  नही  करनी  है। मैं  आपकी  बात  मान  लूँगी  पर  मुझे  कुछ  वक्त  चाहिए।  मैं  कुछ  बन  जाऊँ  तो  आप  किसी  से  भी  कर  देना  पर  अभी  नही।”

“हम  और  इंतज़ार  नही  कर  सकते,तुम्हारे  बाद  तुम्हारी  छोटी  बहन  भी  है  और  हम  में  दहेज  देने  की  क्षमता  नही  है,जो  हम  तुम्हारे  लिए  अच्छे  रिश्ते  ढूँढ  सके  और  अभी  जो  भी  रिश्ते  आ  रहे  वो  उम्र  बढ़ने  पर  नही  आएँगे,”आयशा  के  पापा  ने  कहा।

“पापा,क्या  मैं  किसी  शराबी  से  शादी  करके  अपनी  ज़िंदगी  बर्बाद  कर  लूँ। इसी  लिए  आप  ने  मुझे  इतना  पढ़ाया  है,”आयशा  ने  कहा।

आयशा  की  माँ  कुछ  कहने  ही  वाली  थी  की  उसकी  बुआ  बोली-“आयशा  तुम  एक  लड़की  हो  और  तुम्हे  इतना  नही  बोलना  चाहिए,क्या  हुआ  अगर  तुम  उससे  शादी  कर  लेती  हो। तुमने  अब  तक  बहुत  पढ़  लिया  अब  जैसा  हम  कह  रहे  हैं  तुम  वैसा  ही  करोगी। क्या  हुआ  अगर  वो  थोड़ी  शराब  पीता  है। ”

“बुआ  आप  मुझ  से  कुछ  ना  कहिए  वैसे  भी  मेरे  मम्मी-पापा  को  आपने  ही  शादी  के  लिए  तैयार  किया  है,कल  तक  तो  वो  शादी  की  बात  भी  नही  करते  थे……। अच्छा  होगा  की  आप  अपने  घर  चली  जाएँ,”आयशा  ने  कहा।

“तुम  तय  करोगी  की  कौन  रहेगा  और  कौन  नही,जाना  है  तो  तुम  इस  घर  को  छोड़  कर  चली  जाओ  हम  सब  से  कह  देंगे  की  तुम  पढ़ने  गयी  हो। कोई  बदनामी  नही  होगी  हमारी,”आयशा  की  माँ  ने  गुस्से  से  कहा।

आयशा  कुछ  नही  बोली  उसकी  आँखों  आँसू  से  बहने  लगे,वो  कुछ  समझ  ही  नही  पा  रही  थी  की  ये  सब  क्या  हो  रहा  था। उसे  कोई  भी  नही  समझ  रहा  था। तभी  उसकी  बुआ  बोली-“क्या  हुआ  आयशा  चुप  क्यों  हो,अब  कुछ  नही  कहना। ”

आयशा  को  उनकी  बात  बहुत  बुरी  लगी,वो  सीधे  अपने  कमरे  में  गयी  अपनी  मार्कशीट  और  सर्टिफिकेट्स  लेकर  घर  से  जाने  लगी,उसे  उम्मीद  थी  की  कोई  ना  कोई  उसे  रोक  लेगा  पर  किसी  ने  नही  रोका।

“बेटी,घर  चाहे  जैसा  भी  हो  पर  बाहर  की  दुनिया  से  बहुत  अच्छा  होता  है, “ उसकी  माँ  ने  कहा।

आयशा  कुछ  नही  बोली  वो  चुपचाप  घर  छोड़  कर  चली  गयी। घर  तो  छोड़  दिया  पर  अब  वो  जाए  तो  कहाँ  जाए,वो  कुछ  भी  नही  समझ  पा  रही  थी। उसने  बाहर  की  दुनिया  भी  इतनी नही  देखी थी,पढ़ने  में  तो  अच्छी  थी  पर  दुनिया  की  समझ  अभी  उसे  नही  थी,वो  सुंदर  भी  बहुत  ज़्यादा  थी,  ऐसे  में  उसे  और  भी  डर  लग  रहा  था।

दूरियाँ (Dooriyan) #wattys2017जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें