अगले दिन से दोनों नये घर में रहने लगे। वो घर बहुत बड़ा और बहुत सुंदर था किसी बंगले से कम नही था।
दो दिन बीत गये इस बीच दोनों ने एक-दूसरे कोई बात नही की। विनय ने कई बार कोशिश की पर आयशा कोई बात नही करती।
आयशा और विनय के तलाक़ के बारे में समीर को पता चल गया था उसने तलाक़ के कागज तैयार करा लिए। समीर ने आयशा के मम्मी-पापा से अपनी और आयशा की शादी की बात कर ली थी। समीर ने आयशा को तलाक़ के कागज दे दिए।
“इन कागज पर तुम दोनों अपने साइन कर देना और अगले दिन तुम दोनों की कोर्ट में सुनवाई है,”समीर ने आयशा से कहा।
आयशा समीर से कुछ नही बोली। उसने उससे कागज लिए और घर चली आई। विनय घर पर नही था। वो शाम को 7 बजे घर आया। वो बहुत थका हुआ लग रहा था इसलिए आयशा ने उससे कुछ नही कहा। सोते समय आयशा ने उसे तलाक़ के कागज पकड़ा दिए।
विनय ने एक पल का समय लिए बिना उस पर साइन कर दिया। आयशा को तो यकीन ही नही हो रहा था की विनय इतनी जल्दी साइन कर देगा। उसे लगा था कि शायद विनय एक बार उससे बात करेगा पर विनय ने तो………।
आयशा ने खुद साइन नही किए थे। विनय ने साइन करके कागज वहीं मेज पर रख दिए। आयशा की हिम्मत उन्हें उठाने की नही हुई। वो आँख बंद करके लेट गयी और जब विनय सो गया तब उसने उन कागज को देखा। कुछ देर देखती रही फिर बिना साइन किए सो गयी।
अगले दिन सुबह 10 बजे किसी ने घंटी बजाई उस समय विनय नहा रहा था और आयशा कुछ काम रही थी। आयशा ने दरवाजा खोला बाहर समीर,अंकिता,आयशा के मम्मी-पापा और विनय के मम्मी-पापा खड़े थे शायद समीर सब को कोर्ट चलने के लिए लेकर आया था।
“तुम अभी तक तैयार नही हुई,कोर्ट में 11 बजे पेशी है,”समीर ने आयशा की अस्त-व्यस्त हालत देखकर कहा।
“मुझे कहीं नही जाना,” आयशा ने कहा।
“क्यों?” समीर ने पूछा।
“बस ऐसे ही,”आयशा ने कहा।
“तलाक़ के कागज ले आओ,” समीर ने कहा।
आयशा अंदर से तलाक़ के कागज ले आई। उसने कागज समीर के हाथ में थमा दिए।
“तुमने साइन क्यों नही किए,” समीर ने कागज देखते हुए कहा।
“मुझे तलाक़ नही देना,” आयशा ने कहा।
“क्यों?” आयशा की माँ ने कहा।
“मैं विनय के साथ ही खुश हूँ,” आयशा ने कहा।
“और विनय?” विनय की माँ ने पूछा।
“वो भी खुश है,” आयशा ने कहा।
“तुम उसे तलाक़ क्यों नही दे रही?क्यों उसकी ज़िंदगी बर्बाद कर रही हो?” आयशा की माँ ने थोड़ा गुस्सा करते हुए कहा।
आयशा कुछ नही बोली।
“तुम खुश नही हो ,आयशा,”समीर ने कहा।
“मैं बहुत खुश हूँ,” आयशा ने कहा।
“दो दिन बाद तुम उसे फिर से छोड़ कर किसी के साथ चली जाओगी उससे अच्छा है की आज ही उसे छोड़ दो,” अंकिता ने कहा।
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दूरियाँ (Dooriyan) #wattys2017
Romansकुछ हो ना हो पर रिश्तों को निभाने के लिए जिन्दगी में प्यार होना ज़रूरी है। पर क्या सच में? अगर ऐसा है तो फिर आज प्यार से जोड़े गये रिश्ते क्यों टूटते हैं?क्यों अधिकतर लोग नयी उम्र में जिससे प्यार करते हैं, शादी के बाद उससे रिश्ता तोड़ लेते हैं?