अंकिता ने उसे अपनी स्कूटी से उसे उसके घर रात के 9 बजे तक छोड़ दिया और खुद वहाँ से तुरंत चली गयी। आयशा दरवाजा खटखटने जा रही थी की अचानक एकदम से रुक गयी,घर के अंदर से उसकी मम्मी की आवाज़ आ रही थी। वो क्या कह रही थी ये साफ-साफ नही सुनायी पड़ रहा था। आयशा कुछ सोच कर वापस लौटने लगी। उसने दरवाजा नही खटखटाया,आयशा ठीक से चल भी नही पा रही थी,वो लड़खड़ाते हुए कदमों से चल रही थी। घर से कुछ दूर सड़क पर एक किनारे बैठ गयी और किसी गाड़ी का वहाँ से निकलने का इंतज़ार करने लगी। वो एक घंटे तक इंतज़ार करती रही पर वहाँ से कोई नही निकला। वो जहाँ थी वहाँ से रात के समय कोई नही निकलता था। उसका सिर दर्द से फटा जा रहा था,दर्द और थकान के कारण उसे कब नींद आ गयी उसे पता भी नही चला।
आप पढ़ रहे हैं
दूरियाँ (Dooriyan) #wattys2017
Romanceकुछ हो ना हो पर रिश्तों को निभाने के लिए जिन्दगी में प्यार होना ज़रूरी है। पर क्या सच में? अगर ऐसा है तो फिर आज प्यार से जोड़े गये रिश्ते क्यों टूटते हैं?क्यों अधिकतर लोग नयी उम्र में जिससे प्यार करते हैं, शादी के बाद उससे रिश्ता तोड़ लेते हैं?