Untitled Part 12

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                                                       अंकिता  ने  उसे  अपनी  स्कूटी  से  उसे  उसके  घर  रात  के  9  बजे  तक  छोड़  दिया  और  खुद  वहाँ  से  तुरंत  चली  गयी। आयशा  दरवाजा  खटखटने  जा  रही  थी  की  अचानक  एकदम  से  रुक  गयी,घर  के  अंदर  से  उसकी  मम्मी  की  आवाज़  आ  रही  थी। वो  क्या  कह  रही  थी  ये  साफ-साफ  नही  सुनायी  पड़  रहा  था। आयशा  कुछ  सोच  कर  वापस  लौटने  लगी।  उसने  दरवाजा  नही  खटखटाया,आयशा  ठीक  से  चल  भी  नही  पा  रही  थी,वो  लड़खड़ाते  हुए  कदमों  से  चल  रही  थी। घर  से  कुछ  दूर  सड़क  पर  एक  किनारे  बैठ  गयी  और  किसी  गाड़ी  का  वहाँ  से  निकलने  का  इंतज़ार  करने  लगी। वो  एक  घंटे  तक  इंतज़ार  करती  रही  पर  वहाँ  से  कोई  नही  निकला। वो  जहाँ  थी  वहाँ  से  रात  के  समय  कोई  नही  निकलता  था। उसका  सिर  दर्द  से  फटा  जा  रहा  था,दर्द  और  थकान  के  कारण  उसे  कब  नींद  आ  गयी  उसे  पता  भी  नही  चला।

दूरियाँ (Dooriyan) #wattys2017जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें