Untitled Part 27

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उस  दिन  आयशा  रात  के  10बजे  घर  आई  उसने  जीन्स-टॉप  पहना  हुआ  था  जबकि  सुबह  जाते  समय  उसने  सलवार  सूट-पहना  हुआ  था। आयशा  बहुत  थकी  हुई  थी,वो  बाथरूम  में  कपड़े  बदलने  के  लिए  जाने  लगी।

आयशा  मुझे  तुमसे  बात  करनी  है,विनय  ने  आयशा  से  कहा।

आयशा  ने  उसकी  बात  पर  कोई  ध्यान  नही  दिया  और  बाथरूम  में  चली  गयी। जैसे  ही  वो  बाथरूम  से  कपड़े  बदल  कर  बाहर  निकली  तुरंत  ही  विनय  ने  फिर  कहा-“आयशा  मुझे  तुमसे  कुछ  बात  करनी  है। ”

“सुबह  करना  अभी  मैं  थक  गयी  हूँ,” आयशा  ने  कहा  और  वो  लेट  गयी।

“पर  मुझे  अभी  बात  करनी  है,” विनय  ने  गुस्से  में  कहा।

“अभी  नही  सुबह।”

“मुझे  अभी  इसी  वक्त  तुमसे  बात  करनी  है,” विनय  ने  चिल्लाते  हुए  कहा।

आयशा  भी  पीछे  नही  रहने  वाली  थी,वो  उठ  खड़ी  हुई  और  चीखती  हुई  बोली-“तुम्हे  तभी  क्यों  बात  करनी  होती  है  जब  मुझे  नही  करनी  होती  है……यही  पूछना  है  की  मैं  कहाँ  गयी  थी………सुबह  सब  कुछ  बता  दूँगी। ”उसके  बाद  वो  फिर  से  लेट  गयी। विनय  से  कुछ  भी  बोलते  नही  बना,वो  लैपटॉप  चलाने  लगा।

आयशा  लेटे  हुए  करवटें  बदल  रही  थी  उसकी  आँखों  में  नींद  नही  थी। अचानक  उसे  क्या  सूझा  की  विनय  से  पूछी-“तुमने  खाना  खाया  है?”

  विनय  कुछ  भी  नही  बोला  ना  ही  उसकी  ओर  देखा  उसने  ऐसे  जताया  जैसे  उसने  उसकी  बात  सुनी  ही  नही। आयशा  ने  फिर  पूछा।पर  जब  विनय  से  कोई  जवाब  नही  मिला  तो  वो  उठी  और  बर्तन  देखने  लगी,शाम  को  उसने  कुछ  भी  नही  बनाया  था। वो  विनय  के  लिए  खाना  बनाने  लगी। उसने  कई  बार  विनय  से  बात  करने  की  कोशिश  की  लेकिन  विनय  कुछ  भी  नही  बोला। खाना  बनाने  के  बाद  उसने  विनय  को  खाना  खाने  के  लिए  दिया,विनय  ने  खाने  की  ओर  देखा  भी  नही। आयशा  ने  उससे  बड़ा  मासूम-सा  चेहरा  बनाते  हुए  प्यार  से  कहा-“खाना  खा  लो,मुझ  पर  बाद  में  गुस्सा  हो  लेना।” विनय  ना  तो  कुछ  बोला  ना  ही  उसने  खाना  खाया। आयशा  खाना  उसके  बगल  में  रख  कर  फिर  लेट  गयी। वो  बीच-बीच  में  चुपके  से  आँख  खोल  कर  देखती  की  विनय ने  खाना  खाया  या  नही  पर  विनय  ने  खाने  को  हाथ  भी  नही  लगाया। 15 मिनट  बाद  उसने  लेटे  हुए  ही  कहा-“खाना  खा  लो  फिर  लैपटॉप  चलाना। ”

दूरियाँ (Dooriyan) #wattys2017जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें