Untitled Part 32

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“मुझे  लगता  था  कि  तुम्हें  लड़कियों  में  कोई  दिलचस्पी  नही  पर  तुम  तो…………,” आयशा  कहते-कहते  चुप  हो  गयी।

“वो  है  ही  ऐसी  की  किसी  को  भी  उससे  प्यार  हो  जाए,……। बहुत  सुंदर  है  वो,” विनय  ने  कहा।

“शायद  तुम  उससे  सच्चा  प्यार  नही  करते,तुम  सिर्फ़  उसके  ……। अगर  उससे  सुंदर  कोई  मिल  जाए  तो  शायद  तुम  उसे………,” आयशा  ने  अधूरी  बात  ही  कही।

“मैं  समझ  सकता  हूँ  की  तुम  क्या  कहना  चाहती  हो,पर  मैं  उससे  सच्चा  प्यार  करता  हूँ,तुम  उससे  बहुत  ज़्यादा  खूबसूरत  हो  पर  मैंने  कभी  भी  तुम्हे  हाथ  तक  नही  लगाया,” विनय  ने  कहा।

आयशा  की  नज़रें  झुक  गयी,उसके  पास  कोई  भी  जवाब  नही  रह  गया  था  पर  उसे  अच्छा  भी  लग  रहा  था  की  विनय  ने  उसे  सुंदर  कहा  और  वो  वैशाली  से  सुंदर  है।

“तुम  वैशाली  से  ज़्यादा  अच्छी  हो,” विनय  ने  फिर  कहा।

आयशा  हल्का-सा  मुस्कुरा  दी  और  अपने  बालों  को  ऊपर  करने  लगी।

“तुम  अपनी  जॉब  छोड़  दो,”विनय  ने  कहा।

आयशा,विनय  को  ऐसे  देखने  लगी  जैसे  विनय  ने  उससे  ऐसा  कुछ  कह  दिया  हो  जो  कभी  नही  कर  सकती  थी।

“क्यों?”

“अब  मैं  एक  दिन  बहुत  कमा  लेता  हूँ,मैं  जहाँ  काम  करता  हूँ  वहाँ  पर  40% की  मेरी  हिस्सेदारी  है।“

“पर  मैं  जॉब  करना  चाहती  हूँ,” आयशा  ने  बड़े  उदास  मन  से  ज़ोर  देते  हुए  कहा।

“तुम  पहले  अपनी  पढ़ाई  पूरी  करो  और  साथ  ही  आई.ए.एस. की  तैयारी  करो,” विनय  ने  कहा।

आयशा  का  चेहरा  कमल-सा  खिल  गया,अपने  जिस  सपने  को  वो  भूल  चुकी  थी  उस  सपने  की  याद  उसे  विनय  ने  दिला  दी  थी। उसके  दिल  की  हर  बात  को  विनय  बिना  कहे  ही  समझ  जाता  था।

“ठीक  है,”आयशा  ने  कहा।

उन  दोनों  को  बात  करते-करते  सुबह  के  4  बज  गये। दोनों  की  आखों  में  नींद  नही  थी,दोनों  एक  दूसरे  की  बातों  में  खोए  हुए  थे,बात  करते-करते  वो  कब  सो  गये  उन्हें  पता  ही  नही  चला।

सुबह  10  बजे  उनकी  आँख  खुली,विनय  जल्दी  से  तैयार  हुआ  और  काम  पर  निकल  गया। उसके  जाने  के  कुछ  देर  बाद  आयशा  भी  ऑफिस  चली  गयी। रात  को  विनय  11बजे  घर  वापस  आया  पर  आयशा  घर  नही  आई  थी  वो  आयशा  का  इंतज़ार  करने  लगा  पूरी  रात  निकल  गयी  पर  आयशा  घर  नही  आई,सुबह  विनय  उसे  ढूढ़ने  लगा  हर  जगह  पता  किया  आयशा  के  घर  गया,अपने  घर  पता  किया,उसके  ऑफिस  पता  किया  पर  कुछ  पता  नही  चला। ऑफिस  से  इतना  पता  चला  की  वो  कल  ऑफिस  आई  थी  और  अपने  टाइम  से  घर  वापस  लौट  गयी  थी। विनय  ने  अंकिता  से  पूछा  पर  उसे  भी  कुछ  नही  पता  था। विनय  ने  पुलिस  में  भी  पता  किया  पर  किसी  को  कुछ  भी  नही  मालूम  था।

दूरियाँ (Dooriyan) #wattys2017जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें