करीब 9बजे दरवाजा खुला,कोई लड़का था 25-26 साल का उसके साथ और कोई नही था। आयशा उसे मूर्ति बनी देख रही थी,उसके पूरा शरीर कांप रहा था। वो लड़का अंदर आकर सोफे पर बैठ गया।
“आप कौन?” आयशा ने पूछा।
“ये मेरा ही घर है,” उस लड़के ने कहा।
आयशा कुछ नही बोली,पूछना तो चाहती थी की आप ही मुझे यहाँ लाए थे लेकिन उससे कुछ भी नही कह पाई,वो उसे चोर निगाहों से देख रही थी। वो लड़का देखने में किसी हीरो से कम नही था।
“तुम्हारा नाम क्या है?” उस लड़के ने पूछा।
“आयशा…………और आपका?”
“समीर,आप को कल मैं ही यहाँ लेकर आया था,आप मुझे सड़क के किनारे बेसुध पड़ी मिली थी,बारिश की वजह से आप पूरी तरह से भीगी हुई थीं,” उस लड़के ने कहा।
“पर कल बारिश नही हो रही थी,” आयशा ने कहा।
“हो सकता है आपके बेहोश होने के बाद हुई हो,” समीर ने कहा।
आयशा कुछ नही बोली वो असहज महसूस कर रही थी।
“तुम्हारे साथ हुआ क्या था ? तुम वहाँ बेहोश पड़ी थी,देख कर ऐसा तो नही लग रहा था की तुम्हारे साथ कुछ हुआ हो,”समीर ने कहा।
“मेरी तबीयत खराब हो गयी थी,”आयशा ने कहा। कुछ रुककर फिर पूछा-“क्या आप मुझे वापस वहीं छोड़ सकते हैं?”
“अभी नही क्योंकि यहाँ से वो जगह लगभग 80किलोमीटर दूर है और यहाँ से शहर भी बहुत दूर है,” समीर ने कहा।
“ठीक है………। आप यहाँ अकेले रहते हैं,” आयशा ने पूछा।
“नही,यहाँ कोई नही रहता , कभी-कभी मैं यहाँ आता हूँ। आपको डर लग रहा है क्या?जो आपने ऐसा पूछा,”समीर ने कहा।
नही।
“बहुत सुंदर हो तुम,”समीर ने आयशा की तारीफ करते हुए कहा।
“मालूम है,और मेरे बारे में सोचने की ज़रूरत नही है मैं शादीशुदा हूँ,” आयशा ने उसी लहजे में कहा।
“दिखती तो बहुत कम उम्र की हो। करती क्या हो?” समीर ने पूछा।
“सिर्फ़ 20 की ही हूँ, बी.ए. कर रही हूँ और साथ ही सरकारी जॉब।”
“बहुत अच्छी।”
आयशा कुछ नही बोली।
“तुमने कुछ खाया था या……और अब तुम्हारी तबीयत कैसी है?समीर ने पूछा।”
“खाया था और तबीयत भी ठीक है।”
आप पढ़ रहे हैं
दूरियाँ (Dooriyan) #wattys2017
Romanceकुछ हो ना हो पर रिश्तों को निभाने के लिए जिन्दगी में प्यार होना ज़रूरी है। पर क्या सच में? अगर ऐसा है तो फिर आज प्यार से जोड़े गये रिश्ते क्यों टूटते हैं?क्यों अधिकतर लोग नयी उम्र में जिससे प्यार करते हैं, शादी के बाद उससे रिश्ता तोड़ लेते हैं?