Untitled Part 49

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अगले  दिन  विनय  संध्या  को  वहीं  छोड़  कर  कर  वापस  अपने  उसी  घर  में  आ  गया  जिसमें  आयशा  की  यादें  बसी  थीं। उसने  पुलिस  में  भी  रिपोर्ट  कर  दी  थी  पर  कोई  खबर  नही  मिली। विनय  अभय  से  भी  मिला  पर  वो  उसके  पास  नही  गयी  थी। कुछ  दिन  बाद  विनय  को  किसी  काम  से  दिल्ली  जाना  पड़ा। वहाँ  वो  किसी  होटल  में  रुकने  की  बजाय  अपने  किसी  दोस्त  राघव  के  घर  रुका।

राघव  का  घर  बड़ा  था। घर  में  घुसते  ही  बड़ा  सा  हॉल  जहाँ  बैठने  के  लिए  सोफा  था।   विनय  को  वहाँ  3 दिन  के  लिए  रुकना  था। ज़्यादातर  विनय  हॉल  में  बैठना  पसंद  करता। विनय  वहीं  सोफे  पर  बैठा  था  और  हॉल  में  कोई  नौकरानी  पोछा  लगा  रही  थी।   विनय  ने  उसकी  ओर  कोई  ध्यान  नही  दिया,  वो  राघव  से  बात  करने  में  व्यस्त  था। विनय  का  ध्यान  उसकी  ओर  तब  गया  जब  उसे  किसी  ने  बुलाया  और  वो  बोली-“आई”

आवाज़  सुनते  ही  विनय  काँप  गया  उसका  ध्यान  तुरंत  उस  नौकरानी  की  ओर  गया। जैसे  ही  उसकी  नज़र  उसके  चेहरे  पर  पड़ी  वो  उसे  देखता  ही  रह  गया। वो  उसकी  आयशा  थी। अभी  तक  आयशा  ने  भी  विनय  की  ओर  ध्यान  नही  दिया  था  पर  अब  दोनों  की  नज़रें  मिल  गयी  थीं। आयशा  ने  अपनी  नज़रें  झुका  ली  और  अंदर  कमरे  में  चली  गयी।

आयशा  ने  जो  कपड़े  पहने  हुए  थे  वो  बहुत  ज़्यादा  गंदे  थे,उसके  बाल  बिखरे  हुए  थे,आँखों  के  नीचे  काले  धब्बे  पड़  गये  थे,उसे  देखकर  ही  उसकी  खराब  हालत  का  पता  लग  रहा  था। विनय  ने  उससे  कुछ  भी  नही  कहा। आयशा  भी  जितनी  जल्दी  हो  सका  वहाँ  से  चली  गयी। कुछ  देर  बाद  विनय  भी  उसके  पीछे  उस  जगह  पहुँच  गया। आयशा  किसी  बस्ती  में  रहती  थी। वहाँ  सारे  घर  लगभग  एक  जैसे  थे  पर  कोई  अच्छी  हालत  में  नही  था।

विनय  जो  की  अपने  शहर  का  बहुत  अमीर  आदमी  था  उसकी  पत्नी  इतनी  ग़रीबी  से  जिंदगी  जी  रही  थी,उसे  अपना  गुज़रा  करने  के  लिए  लोगों  के  घर  काम  करना  पड़  रहा  था।

विनय  ने  दरवाजा  खटखटाया,किसी  औरत  ने  खोला  आयशा  नही  थी।

“कौन?”

“मुझे  आयशा  से  मिलना  है,” विनय  ने  कहा।

“आयशा,तुमसे  कोई  मिलने  आया  है”  की  आवाज़  के  साथ  वो  औरत  अंदर  चली  गयी।

आयशा  ने  विनय  को  देखा  और  उसे  अंदर  आने  को  कहा।

दूरियाँ (Dooriyan) #wattys2017जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें