भाग - 45

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मन कई आशंकाओं से भरा हुआ था, और गाड़ी बहुत ही स्पीड से चल रही थी, वैसे ही मेरे दिल की स्पीड भी बढ़ी हुई थी,वो बहुत ही तेजी से धड़क रहा था, मैंने गाड़ी रोकी और जोरो से गहरी सांस ली,मैं इस समय खान के फार्महाउसमें था,मुझे अजीब सा डर लग रहा था,काजल ने तो मुझे कह दिया था की तू इसके मजे लो लेकिन क्या मैं सच में ऐसा कर सकता हु ये मैं नही जानता था,

मैं गहरी सांसे लेकर उस बंगले नुमा फार्महाउस को देखने लगा ,मैं किसी ने नजर में नही आना चाहता था ,मैं आशंकित था की अंदर क्या हो रहा होगा असल में यू ही इधर आ गया था मुझे सच में नही पता था की अंदर काजल होगी भी या नही …

मैंने थोड़ी दूर में झाड़ियों के अंदर अपनी गाड़ी लगाई और दीवाल फांदने का प्लान बनाया ,मैं आहिस्ता से एक दीवार में चढ़ गया और अंदर खुद गया ,पता नही अंदर क्या हो लेकिन जानने का एक पागल पन मेरे अंदर आ चुका था,मैं काजल को भी नही बतलाना चाहता था की मैं क्या कर रहा हु ,मैं किसी जासूस के तरह कमद रख रहा था और वैसे ही सोचने लगा था,

मैं अंदर आ चुका था और मैंने खुद को सम्हाला,मैं धीरे धीरे अंदर गया,अंदर जाकर मैंने मैं उस बड़े से घर जिसे बंगाल भी बोला जा सकता है के पास पहुचा,मैं विशेष धयन इस बात का रख रहा था की कही मुझे कोई देख ना ले साथ ही की कही कोई कैमरा तो नही लगा हुआ है ,ऐसे तो मुझे कोई भी कैमरा नही दिखाई दिया ,मैं बड़े ही ध्यान से अंदर गया,मैं पहले तो उस बंगले को ध्यान से निहारने लगा ,मुझे कुछ खिड़कियां और बाहर लगी हुई a.c, के डब्बे ही दिख रहे थे,मैं पहले तो मेन गेट के अंदर जाने की सोच रहा था लेकिन फिर मैंने अपना इरादा बदला और मैं उसके चारो ओर घूमने लगा,मुझे वो जगह दिख ही गई जंहा से मैं अंदर जा सकता था ,वो फर्स्ट फ्लोर की ख़िदखि थी ,मैं उसे हल्के से खोला तो समझ आया की ये किचन है ,वँहा से अंदर जाना भी तो खतरे से खाली नही होगा,मैं गंभीर सोच में पड़ा हुआ था की मेरा ध्यान वँहा फले हुए कुछ आमो पर गया,मैं अपनी ही सोच में उन पके हुए आमो को निहारता रहा ,और फिर थोड़ी देर बाद मुझे मेरा प्लान सूझ गया मैं फिर से दीवार फांद कर बाहर चला गया ……..

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