भाग - 54

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पूर्वी के साथ बैठा हुआ मैं अपने में मगन होकर फॉर्महाउस की तरफ चल दिए थे ,गाड़ी अपनी रफ्तार से चल रही थी..

“पूर्वी वो तेरे भाभी की पेंटी खोलकर नई पेंटी पहनाने वाला है ...मुझे क्या करना चाहिए …”

मेरे सवाल से नही पूर्वी मेरे बात करने के तरीके से चौकी होगी,इतना खुलकर मैंने उससे कभी बात नही की थी

“मार दो उसे जो भाभी पर हाथ डाले”

पूर्वी ने दृढ़ता से कहा

“अच्छा मैं भी तो यही चाहता हु लेकिन….लेकिन तेरी भाभी अपने मर्जी से वँहा गई है उसका क्या करू “

वो भी सोच में पड़ गई थी

“दोनो को ही मार डालो ..”

उसने एक सपाट सा उत्तर दिया..मेरी बहन ..

मैं उसे किस करने के लिए उसके पास गया और उसके गालो में किस कर लिया

“भइया सीधे बैठो ना क्या कर रहे हो “

वो भी हड़बड़ाई

“लेकिन मुझे भी मजा आ रहा था जब वो तेरी भाभी के साथ ये कर रहा था तब क्या करू “

वो सोच में पड़ गई बहुत देर तक वो कुछ भी नही बोल सकी

“बोल ना क्या करू “

मैं अभी भी नशे में था और हिल रहा था

“जो आपकी मर्जी वो करो मुझे मत पूछो “

वो गुस्से में बोली और मैं हँस पड़ा

क्या जिंदगी हो गई है जिन्हें मुझे सम्हालना था वो मुझे सम्हाल रहे थे

फॉर्महाउस आते ही मैं एक लोहे का रॉड अपने कार से निकाल कर रख लिया और बाहर मुझे हरिया मिल गया ..

“ठाकुर आया क्या “

“सर आप बहुत नशे में है प्लीज् अंदर मत जाओ कुछ गलत हो गया तो “

“बे तू चिंता क्यो कर रहा है मैं सब सम्हाल लूंगा कुछ नही होगा ,ठाकुर आया की नही “

“अभी आया है “

“तो हट सामने से “मैं लड़खड़ाता हुआ गार्डन में पहुचा मेरे साथ ही साथ पूर्वी भी चल रही थी मैं रॉड को जमीन में घसीट रहा था जैसे मैं कोई साउथ का हीरो हु...लेकिन मैं क्या करने वाला था ये तो मुझे भी नही पता था ..

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